नई दिल्ली :सुप्रीम कोर्ट ने गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) से लापता हुई और दिल्ली पुलिस द्वारा बरामद की गई लड़की की आयु के बारे में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) को मंगलवार को अपनी रिपोर्ट 17 सितंबर तक देने का निर्देश दिया.
यह लड़की आठ जुलाई को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से लापता हो गई थी और उसे दिल्ली पुलिस ने इस महीने की शुरुआत में बरामद किया था.
शीर्ष अदालत ने कहा कि इस मामले में आगे के कदमों पर फैसला लड़की की आयु निर्धारण रिपोर्ट के आधार पर ही लिया जाएगा. लड़की की मां के अनुसार, लड़की करीब 15-16 वर्ष की है, लेकिन आधार कार्ड में उसकी आयु 13 वर्ष दर्ज है.
न्यायमूर्ति एएम खानविलकर, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार की पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता केवी विश्वनाथन के दो सहायक वकीलों को लड़की से बात करने की इजाजत दी. न्यायालय ने विश्वनाथन को लड़की की ओर से पेश होने के लिए नियुक्त किया है.
पीठ ने कहा, 'हम एम्स दिल्ली के संबंधित अधिकारियों को निर्देश देते हैं कि वे लड़की की आयु निर्धारण संबंधी रिपोर्ट सुनवाई की अगली तारीख से पहले देना सुनिश्चित करें. सुनवाई की अगली तारीख 17 सितंबर है.'
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से आठ जुलाई को लड़की के लापता होने की घटना को लेकर दर्ज मामले की जांच सात सितंबर को दिल्ली पुलिस को सौंप दी थी जिसने उस लड़की को बरामद कर कथित अपहरणकर्ता को गिरफ्तार कर लिया था.
मंगलवार को सुनवाई के दौरान विश्वनाथन ने कहा कि उन्होंने दो स्थिति रिपोर्ट देखीं और दिल्ली पुलिस की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल आरएस सूरी तथा लड़की की मां की ओर से पेश अधिवक्ता के सुझावों पर भी गौर किया. उन्होंने कहा कि लड़की की आयु का निर्धारण करना ही होगा क्योंकि रिपोर्ट के मुताबिक वह गर्भवती है लेकिन अल्ट्रासाउंड में इसकी पुष्टि नहीं हुई है.
विश्वनाथन ने कहा कि उनके दो सहायक वकीलों को लड़की से बात करने की इजाजत दी जाए. लड़की अभी बाल गृह में रह रही है। इस पर पीठ ने कहा, 'हम आपके सुझाव को तत्काल ही स्वीकार करते हैं। हम इन वकीलों को लड़की से बात करने की अनुमति देते हैं.'
अपहरण करने वाले व्यक्ति से शादी कर चुकी है लड़की