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सुप्रीम कोर्ट ने एनजीटी का ऑर्डर किया रद्द, शिमला में ढाई मंजिल निर्माण की शर्त खत्म - सुप्रीम कोर्ट

Supreme court approves shimla development plan 2041: सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश सरकार के शिमला डेवलपमेंट प्लान को हरी झंडी दे दी है. इस पर पहले एनजीटी ने रोक लगाई थी. पूरा मामला जानने के लिए पढ़ें ख़बर

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शिमला में ढाई मंजिल निर्माण की शर्त खत्म

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 11, 2024, 6:39 PM IST

Updated : Jan 11, 2024, 7:23 PM IST

शिमला: हिमाचल सरकार के साथ-साथ प्रदेश की राजधानी शिमला के लोगों के लिए गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से अच्छी ख़बर आई है. सुप्रीम कोर्ट ने शिमला डेवलपमेंट प्लान 2041 को मंजूरी दे दी है. दरअसल एनजीटी के आदेशों को रद्द करते हुए सर्वोच्च अदालत ने अपना फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि इस प्लान में पर्यावरण को ध्यान में रखते निर्माण कार्य के दौरान उचित उपाय मौजूद हैं.

न्यायमूर्ति बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की पीठ ने कहा कि "हमने इस विकास परियोजना पर गौर किया है. जिसमें एक्सपर्ट कमेटियों की रिपोर्ट और पर्यावरण संबंधी पहलुओं के संबंध में किए गए अध्ययनों पर भी विचार किया गया है". पीठ ने जोर दिया कि "जिस विकास परियोजना को वैधानिक प्रावधानों और अन्य जरूरी बातों को ध्यान में रखते हुए अंतिम रूप दिया गया है, उसे पूरी तरह से रोका नहीं जा सकता है. ऐसा करने से विकास की गतिविधियां रुक जाएंगी"

सुप्रीम कोर्ट ने एनजीटी का ऑर्डर किया रद्द

उल्लेखनीय है कि शिमला में कोर व ग्रीन एरिया में निर्माण को लेकर अक्सर विवाद रहा है. इसके अलावा प्लानिंग एरिया में भी निर्माण संबंधित कई शर्तें पूरी करनी होती हैं. एनजीटी ने वर्ष 2017 में एक आदेश जारी किया था. उस आदेश में ये कहा गया था कि शिमला में कोर व ग्रीन एरिया में निर्माण नहीं किया जा सकेगा. साथ ही ये भी कहा था कि प्लानिंग एरिया में ढाई मंजिल से अधिक का निर्माण नहीं किया जा सकेगा. इस फैसले को राज्य की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. हवाला ये दिया गया था कि शिमला में निर्माण की इन शर्तों में छूट दी जाए. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 12 दिसंबर 2023 को सुनवाई कर फैसला रिजर्व किया था.

अब सुप्रीम कोर्ट ने एनजीटी के 2017 के आदेश को रद्द कर दिया है. इस फैसले पर भाजपा सरकार में शहरी विकास मंत्री रहे सुरेश भारद्वाज ने खुशी जताई है. सुरेश भारद्वाज ने शिमला में मीडिया से बातचीत में कहा कि पूर्व की जयराम सरकार ने एनजीटी के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी. शहरवासी निर्माण की इन जटिल शर्तों के कारण परेशानी झेल रहे थे. उल्लेखनीय है कि कोर व ग्रीन एरिया में निर्माण पर पाबंदी लगने से शहर वासियों को जरा सी मरम्मत के लिए भी परेशान होना पड़ रहा था. इसके अलावा ढाई मंजिल की शर्त भी पहाड़ी शहर के लिए उपयुक्त नहीं मानी जाती है.

शिमला में ढाई मंजिल निर्माण की शर्त खत्म

सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के पिछले आदेशों को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि राज्य सरकार और अधिकारियों को एक विशेष तरीके से विकास योजना बनाने का निर्देश देना एनजीटी के अधिकार क्षेत्र से बाहर है. सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि विकास और पर्यावरण सुरक्षा या संरक्षण के संतुलन पर जोर दिया गया है. पीठ ने अपने 100 पेज के फैसले में कहा कि " साफ है कि बढ़ती हुई आबादी की जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ पर्यावरण से जुड़े मुद्दों पर भी ध्यान दिया जाए"

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Last Updated : Jan 11, 2024, 7:23 PM IST

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