शिमला: हिमाचल सरकार के साथ-साथ प्रदेश की राजधानी शिमला के लोगों के लिए गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से अच्छी ख़बर आई है. सुप्रीम कोर्ट ने शिमला डेवलपमेंट प्लान 2041 को मंजूरी दे दी है. दरअसल एनजीटी के आदेशों को रद्द करते हुए सर्वोच्च अदालत ने अपना फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि इस प्लान में पर्यावरण को ध्यान में रखते निर्माण कार्य के दौरान उचित उपाय मौजूद हैं.
न्यायमूर्ति बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की पीठ ने कहा कि "हमने इस विकास परियोजना पर गौर किया है. जिसमें एक्सपर्ट कमेटियों की रिपोर्ट और पर्यावरण संबंधी पहलुओं के संबंध में किए गए अध्ययनों पर भी विचार किया गया है". पीठ ने जोर दिया कि "जिस विकास परियोजना को वैधानिक प्रावधानों और अन्य जरूरी बातों को ध्यान में रखते हुए अंतिम रूप दिया गया है, उसे पूरी तरह से रोका नहीं जा सकता है. ऐसा करने से विकास की गतिविधियां रुक जाएंगी"
उल्लेखनीय है कि शिमला में कोर व ग्रीन एरिया में निर्माण को लेकर अक्सर विवाद रहा है. इसके अलावा प्लानिंग एरिया में भी निर्माण संबंधित कई शर्तें पूरी करनी होती हैं. एनजीटी ने वर्ष 2017 में एक आदेश जारी किया था. उस आदेश में ये कहा गया था कि शिमला में कोर व ग्रीन एरिया में निर्माण नहीं किया जा सकेगा. साथ ही ये भी कहा था कि प्लानिंग एरिया में ढाई मंजिल से अधिक का निर्माण नहीं किया जा सकेगा. इस फैसले को राज्य की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. हवाला ये दिया गया था कि शिमला में निर्माण की इन शर्तों में छूट दी जाए. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 12 दिसंबर 2023 को सुनवाई कर फैसला रिजर्व किया था.