नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने त्रिपुरा में हाल ही में हुई 'साम्प्रदायिक हिंसा' और इसे लेकर राज्य पुलिस की कथित मिली-भगत और निष्क्रियता की स्वतंत्र जांच के लिए दायर याचिका पर सोमवार को केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी किए.
न्यायमूर्ति डी. वाई चन्द्रचूड़ और न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना की पीठ ने अधिवक्ता ई. हाशमी की याचिका पर सुनवाई के बाद केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी किए. पीठ ने केंद्र और त्रिपुरा सरकार को दो सप्ताह के भीतर याचिका पर जवाब देने का निर्देश दिया है. इस मामले में अब दो सप्ताह बाद सुनवाई होगी.
याचिकाकर्ता, जो एक अधिवक्ता है, ई. हाशमी की ओर से अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने बताया कि 'वे हालिया साम्प्रदायिक दंगों की स्वतंत्र जांच और इसमें पुलिस की कथित भूमिका की जांच चाहते हैं.'
भूषण ने कहा, 'न्यायालय के समक्ष त्रिपुरा के कई मामले लंबित हैं. तथ्याण्वेशी मिशन पर गए कुछ वकीलों को भी नोटिस भेजा गया है. पत्रकारों पर यूएपीए के आरोप लगाए गए. पुलिस ने हिंसा के मामले में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की. हम सभी चाहते हैं कि अदालत की निगरानी में इसकी जांच एक स्वतंत्र एक समिति करे.'
पीठ ने कहा कि वह पक्षों को नोटिस जारी कर रही है और मामला अगली सुनवाई के लिए दो सप्ताह बाद सूचीबद्ध किया गया है. न्यायालय ने निर्देश दिया कि याचिका की प्रति केंद्रीय एजेंसी और त्रिपुरा के स्थाई वकील को भी दी जाए.