पटना: उत्तर प्रदेश की सियासत में मजबूत पकड़ रखने वाले नेता ओमप्रकाश राजभरकी नजर बिहार पर है. बिहार में बड़ी रैली कर ओम प्रकाश राजभर ने लड़ाई का ऐलान कर दिया है. जातिगत जनगणना के मसले पर जहां नीतीश और लालू की सरकार ओमप्रकाश राजभर के निशाने पर है, वहीं सामाजिक न्याय के मसले पर भी ओमप्रकाश राजभर ने महागठबंधन सरकार को कटघरे में खड़ा किया है.
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गांधी मैदान में सुभासपा की ऐतिहासिक रैली: उत्तर प्रदेश की सियासत को धार देने के बाद सुभासपा बिहार को साधने की तैयारी में है. पटना के गांधी मैदान में ऐतिहासिक रैली का आयोजन किया गया है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने मिशन बिहार के लिए एक्शन प्लान तैयार किया है. ओमप्रकाश राजभर के निशाने पर लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव है दोनों चुनाव को लेकर ओमप्रकाश राजभर अति पिछड़ों को एकजुट करने में जुटे हैं.
सवाल- उत्तर प्रदेश की राजनीति को धार देने के बाद ओमप्रकाश राजभर की नजर बिहार पर है. बिहार में वह बड़ी रैली करने जा रहे हैं. क्या है ओमप्रकाश राजभर की रणनीति और बिहार की राजनीति को किस तरीके से धार देंगे?
ओमप्रकाश राजभर -''आज गांधी मैदान पटना में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी की वंचित शोषित जागरण महारैली है, कार्यक्रम शुरू हो गया है. लोग आ रहे हैं. बिहार के 38 जिले यहां जो अति पिछड़े और दलित जाति है, वंचित सोशित लोग यहां पहुंच रहे हैं. हम लोगों का मानना है कि देश में गरीब, कमजोर लोग पढ़ नहीं पा रहे हैं. बच्चे को पढ़ा नहीं पा रहे हैं. एक समान अनिवार्य फ्री शिक्षा हम लोग लागू करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. जब तक लोगों के लिए एक समान अनिवार्य मुफ्त शिक्षा नहीं होगी, तब तक विकास नहीं हो सकता है.''
''बेहतर स्वास्थ्य कैसे हो? इसके विषय में हम लोग अथक प्रयास कर रहे. उनको जागरूक करें कि अपने हक के लिए जागो. 76 साल की आजादी में अभी उनको यही नहीं पता की आजादी के बाद हमारा क्या अधिकार है? जो पावर बाबासाहेब डॉक्टर अंबेडकर जी ने दिया, वोट का, इसी वोट से सब कुछ मिलता है. अभी उनको इसकी जानकारी नहीं है.''
सवाल- बिहार में तो सामाजिक न्याय की सरकार है फिर क्या वजह हो गई जो कुछ लोग विकास के दौड़ में पीछे रह गए?
ओमप्रकाश राजभर -"जिस सामाजिक न्याय की दुहाई देते हैं वह झूठ का पुलिंदा है. सामाजिक न्याय की परिभाषा क्या होती है, चाहे वह नीतीश जी हों या फिर लालू जी हों, उन्होंने लोगों को ठगने का काम किया है. जातिगत जनगणना का जो आंकड़ा पेश किया है. उससे उनका सामाजिक न्याय सामने आ गया. सामाजिक न्याय क्या कहता है? आठ बार नीतीश जी ही मुख्यमंत्री बने. लालू जी को ही बार-बार सत्ता मिले. जातिगत जनगणना के आधार पर यह लोग देश की सत्ता पाना चाहते हैं. क्या जनगणना 15 दिन में पूरा हो जाता है. जनगणना करने वालों ने गांव में सिर्फ हाजिरी दे दिया. जातिगत जनगणना का आंकड़ा पूरे तौर पर फर्जी है.''
सवाल- बिहार में राजभर जाति कहां दिखती है जातिगत जनगणना में उनके लिए क्या जगह है?