दिल्ली

delhi

अगस्त में तीसरी लहर की संभावना, सितंबर में चरम पर: रिपोर्ट

By

Published : Jul 5, 2021, 7:14 PM IST

एक रिपोर्ट के मुताबिक अगस्त में भारत में कोविड की तीसरी लहर आने की संभावना है और अगर ऐसा होता है तो सितंबर में तीसरी लहर चरम पर होगी. एसबीआई रिसर्च द्वारा प्रकाशित इस रिपोर्ट में और क्या है, जानने के लिए पढ़िये पूरी ख़बर

covid 19
covid 19

नई दिल्ली:भारत में अगस्त के मध्य तक कोरोना वायरस की तीसरी लहर आने की संभावना है, जबकि मामले सितंबर में चरम पर पहुंच सकते हैं. ये आशंका सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में जाहिर की गई है. हालांकि भारत में दूसरी लहर अभी खत्म भी नहीं हुई है. एसबीआई रिसर्च द्वारा प्रकाशित 'कोविड -19: द रेस टू फिनिशिंग लाइन' शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि टीकाकरण ही एकमात्र बचाव है क्योंकि वैश्विक डेटा से पता चलता है कि औसतन, तीसरी लहर के मामले दूसरी लहर के चरम के दौरान सामने आए मामलों के लगभग 1.7 गुना हैं.

टीकाकरण है जरूरी
भारत में केवल 4.6 प्रतिशत आबादी को पूरी तरह से टीका लगाया गया है, जबकि 20.8 प्रतिशत को एक खुराक मिली है, जो अमेरिका (47.1 प्रतिशत), यूके (48.7 प्रतिशत), इजराइल (59.8 प्रतिशत), स्पेन (38.5 प्रतिशत), फ्रांस (31.2) जैसे अन्य देशों की तुलना में बहुत कम है.
क्या कहती है रिपोर्ट
रिपोर्ट के अनुसार स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के ग्रुप चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर सौम्य कांति घोष ने कहा कि, "भारत ने 7 मई को दूसरी लहर का पीक हासिल किया और मौजूदा आंकड़ों के अनुसार, देश जुलाई के दूसरे सप्ताह में लगभग 10,000 मामलों का अनुभव कर सकता है" उन्होंने कहा "हालांकि, ऐतिहासिक रुझानों के आधार पर, कम से कम एक महीने बाद चरम मामलों के साथ 21 अगस्त के दूसरे पखवाड़े तक मामले बढ़ना शुरू हो सकते हैं"
वर्तमान मामले अब पिछले सप्ताह से 45,000 के आसपास हैं, जो यह दर्शाता है कि विनाशकारी दूसरी लहर "अभी तक देश में खत्म नहीं हुई है". घोष ने कहा, "पहली लहर में भी, मामलों में धीरे-धीरे गिरावट आई, दैनिक मामलों में किसी भी सार्थक गिरावट से पहले 21 दिनों के लिए लगभग 45,000 मामले सामने आए"

इसके अलावा, 12 राज्यों से अब तक डेल्टा प्लस संस्करण के 51 मामलों का पता चला है. शीर्ष 15 जिलों में नए मामले जून में फिर से बढ़े, ये ज्यादातर शहरी क्षेत्र हैं.लेकिन अच्छी बात यह है कि तीन महीने से इनकी मृत्यु दर स्थिर है. दूसरी ओर, नए मामलों में ग्रामीण जिलों की हिस्सेदारी जुलाई 2020 से सार्थक रूप से घटने से इनकार कर रही है, जब यह 45 प्रतिशत से अधिक हो गई थी और तब से इसमें उतार-चढ़ाव आया है.

ये भी पढ़ें: कोरोना का डेल्टा वेरिएंट अधिक घातक, आठ गुना कम प्रभावी हैं वैक्सीन

टीकाकरण है जरूरी
घोष ने कहा, 'टीकाकरण ही एकमात्र जवाब लगता है'. भारत ने प्रतिदिन 40 लाख से ज्यादा टीके लग रहे हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि राजस्थान, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, केरल और उत्तराखंड जैसे राज्यों ने 60 साल से ऊपर की आबादी के बड़े प्रतिशत को पहले ही दोनों टीके दिए हैं, लेकिन ग्रामीण इलाकों में कुल टीकाकरण कम है.
तमिलनाडु, पंजाब, उत्तर प्रदेश, असम, बिहार और झारखंड में 45 वर्ष से अधिक आयु वालों के कम अनुपात में टीका लगाया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इन राज्यों को टीकाकरण में रफ्तार पकड़ने की जरूरत है.
अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, जापान, पोलैंड, पुर्तगाल, रूस और स्विटजरलैंड में डेल्टा स्ट्रेन का पता चला है, जिसने अप्रैल और मई में दूसरी बार भारत में काफी तबाही मचाई थी. यह यूके में प्रमुख रूप है और अब 95 प्रतिशत मामलों को अनुक्रमित किया जा रहा है. यूके और इजरायल जैसे यथोचित टीकाकरण वाले देशों का उदाहरण देते हुए, घोष ने कहा, 'कोई भी टीका लेने के बाद भी आत्मसंतुष्ट नहीं हो सकता है'. अन्य उपाय जैसे मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और कोविड नियमों का पालन करना जरूरी है.
(आईएएनएस)

ABOUT THE AUTHOR

...view details