सासाराम: बिहार के सासाराम में हिंसा के दौरान हालात बेकाबू हो गए थे. इसी दौरान 2 अप्रैल की शाम को बम धमाका हुआ था. इसकी चपेट में आए लोगों को सासाराम सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. लेकिन सभी की गंभीर हालत को देखते हुए वाराणसी रेफर कर दिया गया था. वाराणसी में सभी का इलाज चल रहा है. इसी बीच एक जख्मी युवक की मौत की खबर आई है. युवक का नाम राजा था, जो सासाराम हिंसा के दौरान घायल हुआ था. वाराणसी में इलाजरत युवक की मौत हो गई है.
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सासाराम हिंसा मामले में जख्मी युवक की मौत: बताया जाता है कि राजा अपनी मां को लेकर सासाराम अपनी मौसी के यहां आया था. उसी दौरान हिंसा की लपटों में राजा के पूरे परिवार की जिंदगी बदल दी. बम धमाके में राजा घायल हो गया था. उसे सिर में गंभीर चोट लगी थी और वाराणसी रेफर किया गया था. अधिकारियों ने जानकारी देते हुए कहा है कि राजा की मौत कैसे हुई है इसके लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार करना होगा. फिलहाल कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि राजा की मौत बम की चपेट में आने से घायल होने से नहीं हुई है बल्कि युवक को गोली लगी थी. हालांकि अधिकारी कुछ भी साफ-साफ कहने से बच रहे हैं.
''घटना के दो तीन दिन पहले राजा कुमार अपनी मां का आंख डॉक्टर से दिखाने सासाराम गया था. चार बजे मां को अस्पताल लेकर गया था. साढ़े सात बजे के बाद दो गुटों के बीच दंगा हो गया. उसी बीच पत्थरबाजी होने लगा और राज गिर गया. किसी को नहीं पता था कि उसके सिर में गोली लगी है. फिर उसके साथ मौजूद लड़के ने शोर मचाना शुरू कर दिया. हमलोग उसको अस्पताल लेकर गए तो डॉक्टर ने वाराणसी रेफर कर दिया था.''- विनोद कुमार गुप्ता, मृतक के परिजन
सासाराम में ब्लास्ट:दरअसल रोहतास और नालंदा में हिंसा की घटनाओं के बीच सासाराम से बम धमाके की खबर आई थी. 2 अप्रैल की शाम को शेरगंज में बम धमाका हुआ था. इसकी चपेट में छह लोग आए थे जो बुरी तरह से जख्मी हो गए थे. सभी को सदर अस्पताल ले जाया गया था लेकिन फिर सभी को बड़े सदर हॉस्पिटल भेजा गया था. वहां से सभी को वाराणसी रेफर किया गया था. उन्हीं में से एक युवक राजा की वाराणसी में इलाज के दौरान मौत हो गई है.
57 लोगों की गिरफ्तारी:बता दें कि हिंसा मामले में अभी तक 57 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. सभी 93 चिह्नित स्थानों पर पुलिस बल के साथ दण्डाधिकारी चौबीस घंटे स्थिति पर नजर रखे हुए हैं. इसमें महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों को भी शामिल किया गया है. प्रभावित इलाकों में वरीय दण्डाधिकारियों के नेतृत्व में गश्ती जारी है. सभी 48 वार्ड में वार्ड सद्भावना समिति का गठन करते हुए इसके साथ पदाधिकारी, कर्मियों और पुलिस बल को संबद्ध कर गया है.