नई दिल्ली : 21वीं शताब्दी के दौर में भी कुछ पुरुष, महिलाओं को बराबर का हक देने में अपनी तौहीन समझते हैं, लेकिन समाज में कुछ महिलाएं हीन भावनाओं से उठकर प्रेरणा स्रोत बनती है. आज हम बात करेंगे ऐसी ही एक महिला की जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'वोकल फॉर लोकल' के सपने को साकार कर रही हैं, वो जो महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दे रही है, वो जो महिलाओं को पलायन करने से रोक रही है और रोजगार देने में मदद कर रही है. हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के छोटे से ब्लॉक सरमी डोडबे की.
मध्यप्रदेश के छोटे से ब्लॉक बाग की सरमी डोडबे अपने गांव की महिलाओं को आत्मनिर्भर कर उन्हें रोजगार मुहैया करा रही है. सरमी डोबडे ने नोएडा के शिल्प हाट में अपनी बाग प्रिंट की साड़ियों का स्टॉल लगाया है.
'गांव से पलायन रुके और महिलाओं को रोजगार मिल सके और जीवनयापन हो सके - सरमी डोडबे'
बाग के नाम से मशहूर बाग प्रिंट
सरमी डोबडे बताती हैं कि ब्लॉक बाग के नाम से मशहूर बाग प्रिंट की सदियों की पहचान अब देशभर में हो रही है. इन साड़ियों की ख़ासियत यह है कि ये नैचुरल कलर से बनाई जाती है और इनका स्किन पर कोई एफेक्ट नहीं होता है.