किसानों की सरकार से बातचीत फेल, अब संयुक्त किसान मोर्चा संभालेगा आंदोलन, चंडीगढ़: चुनाव से पहले हरियाणा में किसानों और सरकार के बीच टकराव बढ़ता ही जा रहा है. अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. अभी तक किसानों की मांगे नहीं मानी गई है. मंगलवार को कुरुक्षेत्र में स्थानीय किसानों की कमेटी और प्रशासन के बीच हुई बैठक में कोई समाधान नहीं निकला. जिसके बाद किसानों ने देवीलाल पार्क में इकट्ठा होकर बैठक की. बैठक में फैसला किया गया कि अब आंदोलन की कमान संयुक्त किसान मोर्चा संभालेगा.
नेशनल हाईवे पर पक्का मोर्चा लगाने का फैसला: बैठक में फैसला किया गया कि अब प्रशासन से जब भी बात होगी, तो स्थानीय कमेटी के कुछ सदस्य और संयुक्त किसान मोर्चा के कुछ सदस्य मिलकर बातचीत करेंगे. बैठक के बाद किसानों ने ऐलान किया कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती. तब तक यहां पक्का मोर्चा लगाया जाएगा. अब इस धरने को आंदोलन का बड़ा रूप दिया जाएगा.
किसानों ने पक्का मोर्चा लगाना शुरू कर दिया है. कल जुटेंगे देशभर के किसान: किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि इस आदोलन को बड़ा बनाने के लिए देशभर के सभी किसान संगठन कल से भारी संख्या में कुरुक्षेत्र पहुंचेंगे. उन्होंने कहा कि हमें यहां 24 घंटे से ज्यादा का समय हो गया है. किसानों की सरकार और प्रशासन प्रशासन जो बातचीत हुई, वो बेनतीजा रही है. अब हमको ये मोर्चा और ज्यादा मजबूत करना होगा. इस मोर्चे को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है. हाईवे जाम बाद में हुआ है. पहले सवाल एमएसपी का है.
कुरुक्षेत्र में दिखी सिंघु बॉर्डर की झलक: इससे पहले किसानों ने कुरुक्षेत्र में हाईवे पर सोमवार की रात गुजारी. वहीं, सुबह में हाईवे पर और पीपली के देवीलाल पार्क में स्नान किया. इसके बाद किसानों ने सुबह सड़क पर ही चाय का लंगर लगा दिया. कुरुक्षेत्र में सिंघु बॉर्डर की झलक देखने को मिल रही है. यहां भारी संख्या में किसान तैनात हैं. वहीं, किसानों ने पिपली चौक हल्के वाहनों के लिए खोल दिया है. किसान एनएच-44 पर सेक्टर तीन के पास देवीलाल पार्क के पास धरने पर बैठे हैं.
कल से देशभर के किसान कुरुक्षेत्र में जुटेंगे. दिल्ली जाम करने की भी योजना बना सकते हैं किसान: कुरुक्षेत्र में किसान नेताओं स्पष्ट कर दिया है कि सरकार किसानों की स्थानीय कमेटी के साथ जल्द से जल्द सभी मुद्दे सुलझा ले. किसानों ने इसके लिए सरकार को सोमवार रात 10 बजे तक का समय दिया था. किसान नेताओं ने कहा कि अगर स्थानीय कमेटी के साथ सरकार समझौता नहीं करती है इस आंदोलन में संयुक्त किसान मोर्चा भी शामिल हो जाएगी. फिर इसमें राष्ट्रीय मांगें भी जोड़ दी जाएंगी, इस तरह से ये आंदोलन देशव्यापी शुरू हो जाएगा. जानकारी के अनुसार किसान दिल्ली जाम करने की भी योजना बना सकते हैं.
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कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए धारा 144 लागू: कुरुक्षेत्र के उपायुक्त एवं जिलाधीश शांतनु शर्मा ने जिले में शांति, कानून व्यवस्था और यातायात की स्थिति बहाल रखने के लिए थाना सदर थानेसर, पिपली चौक व अनाज मंडी पिपली के दो किलोमीटर की परिधि में कानून व्यवस्था व शांति बनाए रखने के लिए 12 जून से स्थिति सामान्य होने तक धारा 144 लगाने के आदेश दिए हैं. इन आदेशों अंतर्गत ट्रैक्टर ट्रॉली-वाहन, लाठी-डंडे तलवार आदि किसी भी तरह के हथियार लेकर चलने, खुले पेट्रोल-डीजल बोतल में बिक्री पर भी प्रतिबंध रहेगा. फिलहाल, किसानों का दिया अल्टीमेटम खत्म हो चुका है लेकिन सरकार और किसानों के बीच कोई फैसला नहीं हो पाया है. अभी किसान हाईवे पर ही डटे हुए हैं. किसान रात में सड़क पर ही बिस्तर लगाकर सोए नजर आए.
एमएसपी पर सूरजमुखी खरीद की मांग को लेकर प्रदर्शन ये भी पढ़ें:Farmer Protest: मुसाफिर ध्यान दें, हरियाणा में नेशनल हाईवे 44 जाम है, ट्रैफिक पुलिस ने बताया इन वैकल्पिक रास्तों का करें इस्तेमाल
एमएसपी पर सूरजमुखी खरीद की मांग को लेकर प्रदर्शन: एमएसपी पर सूरजमुखी खरीद की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों पर कुरुक्षेत्र के शाहबाद में पुलिस के द्वारा लाठीचार्ज के विरोध में सोमवार को कुरुक्षेत्र के पिपली में किसान महापंचायत बुलाई गई. महापंचायत में पहुंचे राकेश टिकैत ने इस दौरान कहा कि अगर दिल्ली की तरह उन्हें आंदोलन लंबा खींचना पड़ा तो वे पीछे नहीं हटेंगे.
14 जून को हरियाणा बंद: इसके साथ ही एमएसपी, कर्ज माफी समेत 25 सूत्रीय मांगों को लेकर खाप प्रतिनिधियों ने 14 जून को हरियाणा बंद का ऐलान किया है. खाप प्रतिनिधियों ने बुधवार,14 जून को हरियाणा में रोड और रेल मार्ग बंद करने का ऐलान किया है. इसके साथ ही प्रदेश में दूध और सब्जियों की सप्लाई भी बंद की जाएगी. हरियाणा बंद के साथ ही खाप के सदस्य 18 जून को भारत बंद के लिए सभी संगठनों से समर्थन की अपील करेंगे.
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किसान प्रदर्शन को लेकर हरियाणा में रूट डायवर्ट: कुरूक्षेत्र में अपनी मांगों को लेकर विभिन्न किसान संगठनों द्वारा जारी आंदोलन के मद्देनजर यात्रियों की सुविधा के लिए रूट प्लान तैयार किया गया है. करनाल से चंडीगढ़ की तरफ जाने वाले यात्री/वाहन करनाल से इन्द्री रोड होते हुए बबैन, बबैन से शहाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग-44 से होते हुए चंडीगढ़ जा सकते हैं. वहीं, करनाल से चंडीगढ़ जाने के लिए इन्द्री रोड से होते हुए लाडवा, लाडवा से रादौर, रादौर से राष्ट्रीय राजमार्ग-344 (सहारनपुर-पंचकुला रोड) का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके अलावा चंडीगढ़ से दिल्ली की तरफ जाने के लिए सदौपुर से देवी नगर, देवीनगर से एनएच-152डी, करनाल, पानीपत से दिल्ली जा सकते हैं.