गिरिडीह :झारखंड के गिरिडीह में संतोष नाम के एक छात्र ने बांस से प्रभु श्रीराम की एक सुंदर प्रतिमा बनाई है. वह अपने हुनर से किसी भी प्रतिमा को जीवंत कर देता है. दरअसल, संतोष पढ़ाई के साथ-साथ पार्ट टाइम में बांस की तरह-तरह की कलाकृतियां और सजावट के सामान बनाते हैं. इस दीपावली पर संतोष ने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की एक सुंदर प्रतिमा बनाई है. बांस से बनी इस प्रतिमा की चमक और सजावट देखकर ऐसा लगता है कि मानो ये प्रतिमा जीवंत हो.
ग्रामीण परिवेश में अमूमन ऐसी प्रतिभा देखने को मिलती है. ऐसी ही प्रतिभा के धनी हैं संतोष महली. संतोष बांस से किसी की प्रतिमा बना देते हैं. इस बार मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की प्रतिमा संतोष ने बनायी है. इस प्रतिमा से संतोष को काफी उम्मीदें हैं. उसे उम्मीद है कि जिस भगवान के अयोध्या वापस आने पर दीपों का पर्व दीपावली मनाया जाता है उसी भगवान की प्रतिमा से शायद उसके घरों में दीया जले और यह दीपावली बेहतर हो.
खानदानी है बांस का कारोबार
संतोष महली गिरिडीह के सदर प्रखंड अंतर्गत पांडेयडीह पंचायत के फुलजोरी निवासी हैं. उनके पिता राजकुमार महली और मां जहरी देवी दशकों से बांस का सूप, दउरा बनाकर बेचते रहे हैं. हालांकि इस कारोबार से उन्हें बहुत ज्यादा कमाई नहीं होती है, बमुश्किल उनका घर चलता है.
पढ़ाई के साथ काम करता है संतोष
इतिहास विषय में स्नातक की पढ़ाई कर चुके संतोष घर को संभालने में लगे हैं. संतोष बताते हैं कि मां-पिता के साथ सूप, टोकरी नहीं बनाते हैं. उसके पास जो कोई ऑर्डर आता है तो वह काम कर देते हैं. यह भी बताया कि एक प्रतिमा को बनाने में 7-15 दिनों तक का समय लगता है.