पटना :साल 2021 की अंतिम संकष्टी चतुर्थी (Last Sankashti Chaturthi of 2021) आज मनाई जा रही है. इस दिन सभी देवी देवताओं में प्रथम पूजनीय गणेश जी की पूजा की जाती है. इस चतुर्थी की बुधवार के दिन होने के कारण इसका महत्व और भी बढ़ गया है. बुधवार का दिन गणपति जी को समर्पित है, इसलिए जो भी जातक इस दिन सच्चे मन से गणेश जी की विधि विधान से पूजा करेंगे, विघ्नहर्ता उनके सभी कष्ट हर लेंगे.
संकष्टी चतुर्थी की पूजा का मुहूर्त रात्रि 8:15 से रात्रि 9:15 तक और चंद्र दर्शन मुहूर्त रात्रि 8:30 से रात्रि 9:30 तक है. इस दिन सूर्योदय से पहले उठ जाएं स्नान कर साफ और धुले हुए कपड़े पहने. इस दिन लाल रंग के वस्त्र धारण करना बेहद शुभ माना जाता है. गणपति की पूजा करते समय जातक को अपना मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखना चाहिए. गणपति की मूर्ति को फूलों से अच्छी तरह से सजा लें. पूजा में तिल, गुड़, लड्डू, फूल और तांबे का कलश स्थापित करें. प्रसाद के तौर पर केला या नारियल रखें.
ज्योतिष शास्त्र और पौराणिक ग्रंथों में पुष्य नक्षत्र को सभी नक्षत्रों का राजा माना जाता है. नक्षत्रों की संख्या 27 बताई गई हैं. पुष्य नक्षत्र को सबसे शुभ नक्षत्रों में से एक माना जाता है. इस नक्षत्र में किए गए कार्य शुभ फल प्रदान करते हैं, इसलिए लोग शुभ और मांगलिक कार्यों को करने के लिए इस नक्षत्र का इंतजार करते हैं. संकष्टी चतुर्थी (Importance of Sankashti Chaturthi) के दिन पंचांग के अनुसार चंद्रमा कर्क राशि में विराजमान रहेगा.