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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 6, 2023, 10:48 AM IST

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Sanatana Dharma row: कर्नाटक के गृह मंत्री ने हिंदू धर्म की उत्पत्ति पर उठाए सवाल

तमिलनाडु के सीएम के बेटे और राज्य मंत्री उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म को लेकर दिये बयान के बाद खड़ा विवाद अभी थमा ही नहीं था कि अब कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर हिंदू धर्म की उत्पत्ति पर सवाल उठाए हैं. पढ़ें पूरी खबर...

Sanatana Dharma row
कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर की फाइल फोटो

तुमकुर : 'सनातन धर्म' पर तमिलनाडु के खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन की टिप्पणी से देश भर में विवाद खड़ा हो गया है. अब कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने मंगलवार को हिंदू धर्म की उत्पत्ति पर सवाल उठाया. परमेश्वर ने कहा कि सवाल यह है कि हिंदू धर्म का जन्म कब हुआ, इसे किसने बनाया? दुनिया के इतिहास में कई धर्म पैदा हुए हैं. जैन और बौद्ध धर्म का जन्म यहीं हुआ. हिंदू धर्म का जन्म कब हुआ और इसकी शुरुआत किसने की, यह अभी भी एक सवाल है.

राज्य के गृह मंत्री की टिप्पणी तब आई जब वह कोराटागेरे के मारुति कल्याण मंडपम में शिक्षक दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि हमारे देश में बौद्ध धर्म और जैन धर्म की उत्पत्ति का इतिहास है...इस्लाम और ईसाई धर्म विदेश से हमारे देश में आए. दुनिया के सभी धर्मों का सारांश यही है कि मानव जाति का भला हो.

बता दें कि सनातन धर्म पर द्रमुक नेता उदयनिधि की टिप्पणी ने पूरे देश में बड़े पैमाने पर बहस खड़ा कर दिया है. कई भाजपा नेताओं और हिंदू पुजारियों ने उनके बयान की कड़ी आलोचना की है. बीजेपी ने एमके स्टालिन के बेटे से माफी की मांग की है. भाजपा के नेताओं ने भी उदयनिधि की टिप्पणी के लिए इंडिया ब्लॉक को दोषी ठहराया है. भाजपा ने सवाल किया कि क्या हाल ही में मुंबई में हुई इंडिया गठबंधन की बैठक के दौरान इस तरह के एजेंडे पर चर्चा की गई थी.

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इस बीच, एमके स्टालिन के बेटे ने फिर से वही बात दोहराने की बात पर कायम रहते हुए मंगलवार को कहा कि वह हिंदू धर्म के नहीं बल्कि जातिगत भेदभाव जैसी सनातन प्रथाओं के खिलाफ हैं. सनातन प्रथा के ऐसे किसी उदाहरण के बारे में पूछे जाने पर, उदयनिधि स्टालिन ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को संसद के उद्घाटन में आमंत्रित नहीं किए जाने की घटना का उल्लेख किया. उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को संसद के उद्घाटन के लिए आमंत्रित नहीं किया गया था, यह सबसे अच्छा वर्तमान उदाहरण है.

(एएनआई)

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