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Farmers Protest : सरकार लिखित आश्वासन दे तो घर वापसी संभव ! - किसान आंदोलन

किसान आंदोलन को लेकर अभी तक आखिरी फैसला नहीं हुआ है. बुधवार को हरियाणा के 26 किसान संगठनों ने भी सोनीपत के कुंडली बॉर्डर पर बैठक (Haryana Farmers Meeting) की. इस बैठक के खत्म होने के बाद किसान नेता मंदीप सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि जब तक किसानों की सभी मांगें पूरी नहीं हो जाएगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा. हालांकि, संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक यह कहा गया है कि यदि सरकार लिखित में हमारी मांगों को लेकर आश्वासन दे, तो आंदोलन खत्म हो सकता है.

Farmers Protest etv bharat
Farmers Protest etv bharat

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Published : Dec 1, 2021, 4:43 PM IST

Updated : Dec 1, 2021, 10:56 PM IST

नई दिल्ली/गाजीयाबाद/सोनीपत : संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि सरकार लिखित रूप में दे प्रस्ताव तो आंदोलन वापस लेंगे. यह बात पंजाब की 32 जत्थेबंदियों के साथ बैठक के बाद कही है. मोर्चा का कहना है कि किसान घर वापसी को तैयार हैं और अब गेंद सरकार के पाले में है. सरकार एमएसपी के लिये कमेटी गठित करने और सभी मुक़दमे वापस लेने का भी लिखित आश्वासन दे तो बात बनेगी.

दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन अभी भी जारी है. हालांकि केंद्र सरकार ने तीनों कृषि कानूनों (farm law reaple) को वापस ले लिया है. बुधवार को हरियाणा के 26 किसान संगठनों की कुंडली बॉर्डर पर बैठक (Haryana Farmers Meeting Sonipat) हुई. इसकी अध्यक्षता किसान नेता मनदीप सिंह ने की. बैठक खत्म होने के बाद किसान नेता मंदीप सिंह नथवान ने आंदोलन को लेकर कहा कि बैठक के दौरान हरियाणा के किसानों ने आंदोलन की रूपरेखा के बारे में चर्चा की है.

मांगें पूरी होने तक जारी रहेगा आंदोलन

ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए मंदीप सिंह ने साफ कर दिया कि जब तक किसानों की सभी मांगें पूरी नहीं हो जाएंगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा. इसके अलावा सरकार जब तक एमएससी की गारंटी पर कानून नहीं बना देती और किसानों पर आंदोलन के दौरान दर्ज हुए मुकदमे वापस नहीं लिए जाते हैं. तब तक आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने आज की मीटिंग में किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी के न पहुंचने पर कहा कि उन्हें नहीं पता आज वह क्यों पहुंचे.

संयुक्त किसान मोर्चा में कोई फूट नहीं

इसी बैठक में शामिल रहे किसान नेता सुरेश कौथ का कहना है कि संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukt Kisan Morcha) में कोई फूट नहीं है. सोशल मीडिया पर भ्रामक प्रचार किया जा रहा है. हरियाणा और पंजाब के नेताओं में कोई मतभेद नहीं, हम आगे भी मिलकर आंदोलन जारी रखेंगे. हरियाणा सरकार का अभी तक कोई आधिकारिक न्योता बातचीत के लिए नहीं मिला, मिलेगा तो हम बैठक के लिए जाएंगे.

टिकैत बोले- नहीं जानकारी

सोनीपत-कुंडली बॉर्डर (sonepat-kundli border) पर किसान नेता सतनाम सिंह ने बताया है कि सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा से एमएसपी के संबंध में बात करने के लिए पांच नाम मांगे हैं. इस पर टिकैत ने कहा कि हमसे सरकार ने एमएसपी के संबंध में बात करने के लिए कोई नाम नहीं मांगे हैं. हमारे पास इसको लेकर कोई जानकारी नहीं है. किसान नेता राकेश टिकैत ने आंदोलन की समाप्ति को लेकर भी संकेत दिए हैं कि इस महीने में आंदोलन समाप्त हो सकता है. सरकार में कुछ चल रहा है.

आंदोलन चलाना है या अब समाप्त करना है. इन मुद्दों पर किसान संगठनों और संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के बीच बैठकों का दौर लगातार जारी है. पिछले एक हफ्ते से सिंधु बॉर्डर (Farmers Meeting at singhu border) पर संयुक्त किसान मोर्चा के साथ पंजाब जत्थेबंदियों और हरियाणा के किसान संगठन कई बैठक कर चुके हैं, लेकिन अभी तक आखिरी फैसला नहीं हुआ है. बुधवार को एसकेएम ने इमरजेंसी बैठक बुलाई थी, लेकिन उसे रद्द कर दिया गया.

संयुक्त किसान मोर्चा ने पीएम को भेजी चिट्ठी

आंदोलन के भविष्य को लेकर बुधवार को सोनीपत में कुंडली बॉर्डर पर पंजाब की 32 जत्थेबंदियों की बैठक (punjab farmers union meeting) हुई. इस बैठक में पंजाब की जत्थेबंदियों ने किसान आंदोलन की रूपरेखा के बारे में चर्चा की. पंजाब की जत्थेबंदियों ने बैठक खत्म होने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की. जिसमें किसान नेताओं ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा ने पीएम को चिट्ठी भेजी है. उन्होंने कहा कि जब तक हमारी मांगें नहीं मान ली जाती हैं और सरकार हमें लिखित में आश्वासन नहीं भेजती है, तब तक किसान आंदोलन जारी रहेगा. किसान नेताओं ने बताया कि केंद्र सरकार एमएसपी पर कमेटी बनाना चाह रही है, किसानों पर दर्ज मुकदमे और आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों की जिम्मेदारी राज्यों को सौंपना चाहती है.

इसके अलावा किसान नेताओं ने बताया कि सोशल मीडिया पर पंजाब के किसानों के जाने की झूठी अफवाएं फैलाई जा रही हैं. उनको हम बता देना चाहते है कि पूरे देश का किसान अभी भी एकजुट है और संयुक्त किसान मोर्चा के साथ मजबूती से खड़ा है. किसान नेताओं ने बताया कि एमएसपी की गारंटी कानून (Law on MSP) हमारे लिए अब बड़ा मुद्दा है और 4 दिसंबर तक सरकार हमारी सभी मांगें मान लें तो हम लौट जाएंगे. वहीं 3 दिसंबर को एक बार फिर पंजाब की 32 जाथेबंदिया बैठक होगी.

सिंघु बॉर्डर पर होने वाली बैठक रद्द

गौरतलब है कि संयुक्त किसान मोर्चा ने सिंघु बॉर्डर पर बुधवार को 40 किसान संगठनों की इमरजेंसी बैठक बुलाई थी, लेकिन बाद में इस बैठक को रद्द कर दिया गया. वहीं हरियाणा के किसान संगठनों और पंजाब के किसान संगठनों ने बुधवार को अलग-अलग बैठकें की हैं. पंजाब की 32 जत्थेबंदियों ने मंगलवार को भी सिंघु बॉर्डर पर बैठक की थी. जिसके बाद किसान नेता सतनाम सिंह ने बताया था कि केंद्र सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा से एमएसपी पर गारंटी कानून बनाने की कमेटी के लिए पांच नाम मांगे हैं. साथ ही गृह मंत्रालय ने सभी प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों को किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने का प्रस्ताव भेजा है.

सतनाम सिंह ने कहा था कि 1 व 4 दिसंबर को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठकें होंगी. जिसमें आंदोलन को खत्म करने को लेकर फैसला लिया जा सकता है. फिलहाल सरकार ने हमारी सभी मांगें मान ली हैं. किसी भी आंदोलन में सभी मांगें नहीं मानी जाती, लेकिन किसानों के मामलों इससे अलग हुआ है. हमारी 100 प्रतिशत मांगें सरकार ने मांग ली हैं. एमएसपी पर बात करने के लिए भी हम जल्द ही 5 नाम भी बता देंगे.

सतनाम सिंह के इस बयान के बाद आंदोलन के जल्द खत्म होने के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन देर रात संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से कहा गया था कि आंदोलन तब तक खत्म नहीं होगा जब तक कि सरकार लिखित में किसानों की मांगें नहीं मान लेती. बहरहाल संयुक्त किसान मोर्चा ने 1 दिसंबर यानी की आज की आपातकालीन बैठक को तो रद्द कर दिया. ऐसे में संयुक्त किसान मोर्चा की 4 दिसंबर को होने वाली बैठक में ही तमाम फैसले लिए जाएंगे. इसी बैठक में किसान आंदोलन की रणनीति तय होगी और 5 प्रतिनिधि तय किए जाएंगे जो न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के मुद्दे पर सरकार के साथ बातचात करेंगे.

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Last Updated : Dec 1, 2021, 10:56 PM IST

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