सोनीपत : संयुक्त किसान मोर्चा ने सिंघु बॉर्डर पर आज 40 किसान संगठनों की इमरजेंसी बैठक बुलाई थी. लेकिन बाद में इस बैठक को रद्द कर दिया गया. आज हरियाणा के सिंधु बॉर्डर पर संगठनों की बड़ी बैठक है. इस बैठक में किसान संगठनों द्वारा पिछले एक साल से चल रहे धरने को खत्म कर घर वापसी पर चर्चा किए जाने की उम्मीद थी.
कहा जा रहा था कि इस बैठक में MSP को लेकर बनाई जाने वाली कमेटी के गठन के प्रस्ताव पर भी चर्चा करेंगे. बताया जा रहा है कि पंजाब के ज्यादातर किसान आंदोलन खत्म करने के पक्ष में हैं. वहीं इस बारे में हरियाणा और पंजाब की किसान जत्थेबंदियों ने पिछले एक हफ्ते में लगातार कई बैठक कर चुकी हैं.
ईटीवी भारत से बातचीत में किसान नेता सतनाम सिंह (farmer leader satnam singh) ने बताया कि केंद्र सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा से एमएसपी पर गारंटी कानून बनाने की कमेटी के लिए पांच नाम मांगे हैं. साथ ही गृह मंत्रालय ने सभी प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों को किसानों पर दर्ज मुकदमे (case on farmers) वापस लेने का प्रस्ताव भेजा है. ऐसे में किसान संगठन एमएसपी कानून और मुकदमों की वापसी समेत अन्य मांगों को लेकर धरना जारी रखना चाहते हैं.
वापसी के पक्ष वाले आम सहमति बनाने की कवायद कर रहे हैं. रणनीतियों को अंतिम रूप देने के लिए आज किसान संगठन अहम बैठक कर रहे हैं. सतनाम सिंह ने कहा कि 1 व 4 दिसंबर को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठके होंगी. जिसमें आंदोलन को खत्म करने को लेकर फैसला लिया जा सकता है. सतनाम सिंह का कहना है कि मंगलवार को बैठक में पंजाब के 32 संगठनों की आम सहमति बनी कि संसद से कृषि कानूनों की वापसी के साथ ही आंदोलन की जीत हो चुकी है. एमएसपी कानून बनने की प्रक्रिया में समय लगेगा इसलिए सरकार को एक समयसीमा देकर वापस लौटना चाहिए.