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समीर वानखेड़े की पत्नी क्रांति रेडकर ने उद्धव ठाकरे को पत्र लिखा

एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े की पत्नी मराठी अभिनेत्री क्रांति रेडकर ने उद्धव ठाकरे को एक खुला पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने कहा है कि अगर आज दिवंगत बालासाहेब ठाकरे जीवित होते तो महाराष्ट्र में जो कुछ हो रहा है वह नहीं होता.

क्रांति रेडकर
क्रांति रेडकर

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Published : Oct 28, 2021, 3:41 PM IST

मुंबई : एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े की पत्नी मराठी अभिनेत्री क्रांति रेडकर ने उद्धव ठाकरे को एक खुला पत्र लिखा है. पत्र में वह अपने परिवार के लिए न्याय की मांग कर रही है क्योंकि उनके पति के खिलाफ रिश्वत के आरोप लगे हैं.

एनसीबी के अधिकारी समीर वानखेड़े इन दिनों विभिन्न मुद्दों को लेकर निशाने पर हैं, जिसमें पहली शादी और सरकारी नौकरी पाने के लिए फर्जी जाति प्रमाण पत्र जमा करना शामिल है. इसके अलावा एनसीपी नेता नवाब मलिक ने भी उन पर आरोप लगाया है कि वानखेड़े लॉकडाउन के दौरान मालदीव में थे और वह एक जबरन वसूली रैकेट के लिए बॉलीवुड हस्तियों को निशाना बना रहे थे. वानखेड़े को पूछताछ के लिए पेश करने के साथ ही क्रूज पर ड्रग्स के मामले में रंगदारी के आरोपों की विभागीय जांच के भी आदेश दिए गए हैं.

इस संबंध में समीर वानखेड़े की पत्नी क्रांति रेडेकर ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि अगर आज दिवंगत बालासाहेब ठाकरे जीवित होते तो महाराष्ट्र में जो कुछ हो रहा है वह नहीं होता.

क्रांति रेडेकर का पत्र

माननीय उद्धव ठाकरे साहब, मैं एक मराठी लड़की हूं, जो बचपन से ही यहां बड़ी हुई है. जिसने शिवसेना को मराठी लोगों के न्यायसंगत अधिकारों के लिए लड़ते हुए देखा है.. मैं छत्रपति शिवाजी महाराज और हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे के रास्ते पर चलकर बड़ी हुई हूं.. उन दोनों ने हमें सिखाया कि हम किसी के साथ अन्याय न करें और अपने साथ हुए अन्याय को बिल्कुल भी बर्दाश्त न करें..

वही, सबक सीखकर आज मैं इन उपद्रवियों के खिलाफ, जो मेरी निजी जिंदगी को टारगेट कर रहे हैं.. लड़ रहे हैं.. उनके खिलाफ मैं अकेली खड़ी हूं. सोशल मीडिया पर लोगों को इस पर मजा आ रहा है.

मैं एक कलाकार हूं. मुझे राजनीति समझ में नहीं आती..और मैं उसमें पड़ना भी नहीं चाहती.. हर सुबह, जब हमारे पास करने के लिए कुछ नहीं है, हमारी प्रतिष्ठा धूमिल हो रही है.. शिवाजी महाराज के राज्य में एक महिला की गरिमा से खेला जा रहा है . मजाक किया जा रहा था.

अगर बालासाहेब आज जिंदा होते तो ये नहीं होने देते.. एक महिला और उसके परिवार की निजी जिंदगी पर हमले, राजनीति का निम्नतम स्तर है, यह हमने उनके विचारों से सीखा है. आज वे जीवित नहीं हैं, लेकिन आप उनकी विरासत का नेतृत्व कर रहे हैं.. हम आप में उनकी छवि देखते हैं.. आप हमारा नेतृत्व कर रहे हैं और मुझे आप पर पूरा विश्वास है. मुझे यकीन है कि आप मेरे और मेरे परिवार के साथ कभी अन्याय नहीं होने देंगे.. इसलिए एक मराठी के रूप में, न्याय पाने के लिए मैं आपकी ओर बड़ी उम्मीद से देखती हूं.. मैं आपसे न्याय करने का अनुरोध करती हूं.

आपकी बहन, क्रांति रेडकर

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