नई दिल्ली : संबित पात्रा ने कहा कि भारत में एक ऐसा पोर्टल है जो मीडिया का चोगा ओढ़कर मीडिया बनने की कोशिश में है, लेकिन वह मीडिया नहीं है. उन्होंने कहा कि आज के अखबारों में छपा है कि किस प्रकार करोड़ों रुपये विदेश से संदिग्ध रूप से भारत आए हैं और इसका काम भारत में अन्य देशों का प्रोपगैंडा करना है. उन्होंने कहा कि देश और विदेश में कई ऐसे लोग हैं जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ गलत नीयत से काम कर रहे हैं. पात्रा ने दावा किया कि किसानों के आंदोलन में भी सरकार और किसान संगठनों के बीच दरार डालने की कोशिश की गई है.
संबित पात्रा ने एक न्यूज पोर्टल (Sambit Patra News Portal) का जिक्र करते हुए कहा कि इसके लिए विदेश से फंडिंग की गई. इसका मकसद देश में हो रहे अच्छे कार्यों को भी बुरा दिखाना है. उन्होंने कहा कि देश में एक ऐसा सरगना है जो देश को ही नीचा दिखाने के लिए काम कर रहा है, ये एक तरह की अंतरराष्ट्रीय साजिश है. उन्होंने इसे इंटरनेशनल टूलकिट (International Toolkit) करार दिया.
भारत सरकार को फेल बताना और विदेशी ताकतों का एजेंडा
उन्होंने एक पोर्टल से संबंधित मीडिया की खबर के हवाले से कहा, 'आपने पढ़ा होगा कि करोड़ों रुपये विदेशों से संदिग्ध रूप से हिंदुस्तान में आए हैं, और उसका एक ही मकसद है कि हिंदुस्तान की सरकार को फेल बताना और विदेश की कुछ ताकतों का एजेंडा चलाना. बकौल पात्रा, आज ये तथ्य सामने आए हैं, इससे एक बात स्पष्ट है कि टूलकिट केवल हिंदुस्तान के कुछ राजनीतिक दल चला रहे हैं, ऐसा नहीं है. उन्होंने कहा कि भारत के बाहर भी एक ऐसी साजिश हो रही है, जो इस टूलकिट का हिस्सा है.
अराजकता फैलाने की साजिश !
उन्होंने कहा कि मीडिया की चादर ओढ़कर पोर्टल चलाने वाले कुछ एक्टिविस्ट हैं, जिनके साथ कुछ विदेशी ताकतें हैं और भारत के कुछ मेन स्ट्रीम के राजनेता भी हैं. इनका एक ग्रुप बना है. संबित पात्रा ने कहा कि देश को बदनाम करने के लिए टूलकिट से जुड़े लोग पूरे सामंजस्य के साथ ये काम करते हैं, इनका मकसद होता है देश में भ्रम, अराजकता फैलाना.
विदेश से मिले करोड़ों रुपये
बकौल संबित पात्रा, 'पूरे विश्व में हमारी वैक्सीन नीति को लेकर सराहना की गई, वैक्सीन मैत्री को लेकर सराहना की गई. हमारे देश और हमारी वैक्सीन नीति को बदनाम किया जाए, यह कुचेष्टा कुछ लोगों ने, कुछ संस्थाओं ने और कुछ पोर्टल्स ने की है.' उन्होंने कहा कि ये विदेशी फंडिंग के माध्यम से हो रहा था. बाहरी ताकतें फंड भेजती थीं. ये पीपीके नाम की कंपनी के अंतर्गत आती है. इन्होंने 9.59 करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष विदेश निवेश (एफडीआई) को स्वीकार किया. इसमें मुख्य रूप से विदेश के तीन लोग सम्मिलित थे. पात्रा ने दावा किया कि इसके अलावा करीब 30 करोड़ रुपये इन्होंने विदेशों की अलग-अलग एजेंसियों से प्राप्त किए.
गौरतलब है कि पिछले दिनों भी ट्विटर पर टूलकिट का मामला सामने आया था. इस मामले में भाजपा ने कांग्रेस पर निशाना साधा था. इस मामले को लेकर भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी समेत कई भाजपा नेताओं पर मामला दर्ज किया गया था.