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इंटरनेशनल टूल किट से भारत में अराजकता फैलाने की साजिश : भाजपा

भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा (Sambit Patra BJP) ने कहा है कि भारत के अंदर एक ऐसा गैंग है जो देश को नीचा दिखाना चाहता है. सरगना देश को नीचा दिखाने के लिए अंतरराष्ट्रीय साजिश कर रहा है. उन्होंने कहा कि भारत में कई ऐसे राजनेता भी हैं जो अराजकता फैलाने की ताक में हैं. उन्होंने कहा कि भारत के बाहर भी इंटरनेशनल टूलकिट (International Toolkit) साजिश कर रहा है.

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Published : Jul 18, 2021, 1:42 PM IST

Updated : Jul 18, 2021, 4:36 PM IST

नई दिल्ली : संबित पात्रा ने कहा कि भारत में एक ऐसा पोर्टल है जो मीडिया का चोगा ओढ़कर मीडिया बनने की कोशिश में है, लेकिन वह मीडिया नहीं है. उन्होंने कहा कि आज के अखबारों में छपा है कि किस प्रकार करोड़ों रुपये विदेश से संदिग्ध रूप से भारत आए हैं और इसका काम भारत में अन्य देशों का प्रोपगैंडा करना है. उन्होंने कहा कि देश और विदेश में कई ऐसे लोग हैं जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ गलत नीयत से काम कर रहे हैं. पात्रा ने दावा किया कि किसानों के आंदोलन में भी सरकार और किसान संगठनों के बीच दरार डालने की कोशिश की गई है.

संबित पात्रा ने एक न्यूज पोर्टल (Sambit Patra News Portal) का जिक्र करते हुए कहा कि इसके लिए विदेश से फंडिंग की गई. इसका मकसद देश में हो रहे अच्छे कार्यों को भी बुरा दिखाना है. उन्होंने कहा कि देश में एक ऐसा सरगना है जो देश को ही नीचा दिखाने के लिए काम कर रहा है, ये एक तरह की अंतरराष्ट्रीय साजिश है. उन्होंने इसे इंटरनेशनल टूलकिट (International Toolkit) करार दिया.

भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने इंटरनेशनल टूल किट का मुद्दा उठाया

भारत सरकार को फेल बताना और विदेशी ताकतों का एजेंडा
उन्होंने एक पोर्टल से संबंधित मीडिया की खबर के हवाले से कहा, 'आपने पढ़ा होगा कि करोड़ों रुपये विदेशों से संदिग्ध रूप से हिंदुस्तान में आए हैं, और उसका एक ही मकसद है कि हिंदुस्तान की सरकार को फेल बताना और विदेश की कुछ ताकतों का एजेंडा चलाना. बकौल पात्रा, आज ये तथ्य सामने आए हैं, इससे एक बात स्पष्ट है कि टूलकिट केवल हिंदुस्तान के कुछ राजनीतिक दल चला रहे हैं, ऐसा नहीं है. उन्होंने कहा कि भारत के बाहर भी एक ऐसी साजिश हो रही है, जो इस टूलकिट का हिस्सा है.

अराजकता फैलाने की साजिश !
उन्होंने कहा कि मीडिया की चादर ओढ़कर पोर्टल चलाने वाले कुछ एक्टिविस्ट हैं, जिनके साथ कुछ विदेशी ताकतें हैं और भारत के कुछ मेन स्ट्रीम के राजनेता भी हैं. इनका एक ग्रुप बना है. संबित पात्रा ने कहा कि देश को बदनाम करने के लिए टूलकिट से जुड़े लोग पूरे सामंजस्य के साथ ये काम करते हैं, इनका मकसद होता है देश में भ्रम, अराजकता फैलाना.

विदेश से मिले करोड़ों रुपये
बकौल संबित पात्रा, 'पूरे विश्व में हमारी वैक्सीन नीति को लेकर सराहना की गई, वैक्सीन मैत्री को लेकर सराहना की गई. हमारे देश और हमारी वैक्सीन नीति को बदनाम किया जाए, यह कुचेष्टा कुछ लोगों ने, कुछ संस्थाओं ने और कुछ पोर्टल्स ने की है.' उन्होंने कहा कि ये विदेशी फंडिंग के माध्यम से हो रहा था. बाहरी ताकतें फंड भेजती थीं. ये पीपीके नाम की कंपनी के अंतर्गत आती है. इन्होंने 9.59 करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष विदेश निवेश (एफडीआई) को स्वीकार किया. इसमें मुख्य रूप से विदेश के तीन लोग सम्मिलित थे. पात्रा ने दावा किया कि इसके अलावा करीब 30 करोड़ रुपये इन्होंने विदेशों की अलग-अलग एजेंसियों से प्राप्त किए.

गौरतलब है कि पिछले दिनों भी ट्विटर पर टूलकिट का मामला सामने आया था. इस मामले में भाजपा ने कांग्रेस पर निशाना साधा था. इस मामले को लेकर भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी समेत कई भाजपा नेताओं पर मामला दर्ज किया गया था.

टूलकिट से जुड़ी अन्य खबरें-

कांग्रेस ने इन आरोपों को लेकर कहा था कि भाजपा देश की जनता को उत्तर और दक्षिण के पैमाने पर बांटने की साजिश कर रही है. टूलकिट के मामले में ही दिशा रवि समेत कई अन्य लोगों पर कार्रवाई भी कई गई है. इस मामले में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमण सिंह ने उन्हें गिरफ्तार करने की चुनौती दी थी.

दिलचस्प है कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा. हालांकि, शीर्ष अदालत ने टूलकिट की जांच से जुड़ी याचिका पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने याचिकाकर्ता से कहा था कि अगर आपको टूलकिट पसंद नहीं है तो इसे नजरअंदाज कर देना चाहिए. उन्होंने कहा था कि यह एक राजनीतिक पार्टी द्वारा फैलाया गया प्रोपागैंडा है, आपको इसे नजरअंदाज करना चाहिए.

यह भी पढ़ें-'टूलकिट' की जांच वाली याचिका पर SC ने विचार करने से किया इनकार, कहा- पसंद नहीं है तो करें नजरअंदाज

बता दें कि टूलकिट डिजिटल डॉक्यूमेंट है. इस डॉक्यूमेंट को अमूमन बिजनेस ऑर्गेनाइजेशन और विभिन्न संस्थान अपनी टीम के सदस्यों को किसी कार्य को पूरा करने के लिए क्रिएट करते हैं. इस डॉक्यूमेंट में काम कैसे किया जाना है, उसके रिसोर्सेज और दूसरी जानकारियां समाहित होती हैं. इस डॉक्यूमेंट को इंटरनेट के माध्यम से प्रसारित किया जा सकता है. साथ ही सोशल मीडिया पर साझा भी किया जा सकता है.

टूलकिट से जुड़े कुछ अहम तथ्य

टूलकिट का इस्तेमाल सिर्फ किसी प्रोजेक्ट की प्लानिंग के लिए ही नहीं, बल्कि टीम के आपसी तालमेल के लिए भी किया जाता है.ये टूलकिट जितना विस्तृत और परिपूर्ण होता है, इस्तेमाल करने वालों के लिए उतना ही उपयोगी साबित होता है. इस टूलकिट को बनाने के बाद साझा करते समय इसमें किसी अन्य को इसमें बदलाव करने या महज पढ़ने की शक्तियां भी दी जाती हैं.

टूलकिट से जुड़े कुछ अहम तथ्य

इसमें बदलाव हुआ है, इसकी जानकारी तो टूलकिट निर्माण करने वाले व्यक्ति को मिलती है, लेकिन बदलाव किसने किया है, ये जानकारी गूगल ही उपलब्ध कराने में सक्षम है. टूलकिट के संबंध में आईटी एक्सपर्ट डेविड दीवान का कहना है कि डिजिटल होते दौर में गूगल डॉक्युमेंट की मदद से किसी कार्यक्रम का विवरण तैयार और शेयर किया जाता है, जिसे टूलकिट कहा जा रहा है. उन्होंने बताया कि टूलकिट की मदद से किसी कार्यक्रम को व्यक्तिगत डिजाइन के साथ पेश किया जाता है.

Last Updated : Jul 18, 2021, 4:36 PM IST

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