लखनऊ : लोकसभा चुनाव 2024 से पहले समाजवादी पार्टी मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में सीट मांग (Political News) रही है. दरअसल, सूत्रों का कहना है कि समाजवादी पार्टी प्रेशर पॉलटिक्स कर रही है. जिससे यूपी में सपा को अधिक सीट कांग्रेस को न देना पड़े. घोसी सीट पर उपचुनाव जीतने के बाद समाजवादी पार्टी काफी उत्साहित है. अखिलेश यादव की कोशिश है कि अन्य राज्यों में सीट लेकर और चुनाव में जीत दर्ज करके 2024 (lok sabha election 2024) के लोकसभा चुनाव में यूपी में सबसे ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ सकें.
पा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि दरअसल, 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश में अधिक से अधिक सीटों पर सपा के ही लड़ने की पूरी रूपरेखा तैयार कर रहे हैं. सपा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अखिलेश यादव एक तरह से प्रेशर पॉलिटिक्स की रणनीति पर आगे बढ़ रहे हैं कि दूसरे राज्यों में सीटों की डिमांड करके कांग्रेस पार्टी को उत्तर प्रदेश में प्रेशर में रखना चाहते हैं. इसी वजह से उन्होंने इस प्रकार की रूपरेखा तैयार की है कि दूसरे राज्यों में सीट मांग कर यूपी में कम सीट देना चाहते हैं. पिछले दिनों अखिलेश यादव ने अपने एक बयान से भी इस बात के संकेत दे दिए हैं कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी ही अधिक से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेगी और वह कांग्रेस से सीट मांगने नहीं बल्कि कांग्रेस को सीट के देने की स्थिति में है.
समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश में मुख्य विपक्षी पार्टी के रूप में काम कर रही है और उसका बड़ा वोट बैंक है, इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए 2024 के लोकसभा चुनाव की हर तरीके से रणनीति और चुनावी तैयारी को आगे बढ़ने का काम सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव कर रहे हैं. समाजवादी पार्टी के विस्तार देने को भी अखिलेश यादव आगे बढ़ा रहे हैं और उत्तर प्रदेश से बाहर समाजवादी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिलाने की कवायद भी कर रहे हैं. इसी सब को लेकर अखिलेश यादव मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान जैसे राज्यों में न सिर्फ लोकसभा चुनाव की तैयारी को आगे बढ़ा रहे हैं, बल्कि विधानसभा चुनाव में भी उम्मीदवार उतारकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं. अखिलेश यादव इस समय मध्य प्रदेश में हैं और विधानसभा चुनाव प्रचार को धार दे रहे हैं. 'इंडिया' गठबंधन के सबसे बड़े दल और विपक्षी महागठबंधन की अगुवाई कर रही कांग्रेस पार्टी पर अखिलेश यादव ने मिजोरम को छोड़कर शेष चार राज्यों में चुनाव लड़ने के लिए दबाव डालना शुरू कर दिया है.
मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव में सपा कांग्रेस से अपने लिए आधा दर्जन सीटें मांग रही है और समाजवादी पार्टी ने आधा दर्जन सीटों पर उम्मीदवार भी उतार दिए हैं. अखिलेश यादव मध्य प्रदेश पहुंचकर चुनाव प्रचार भी कर रहे हैं. यह भी उल्लेखनीय है कि अम्बेडकर जयंती के अवसर पर अखिलेश यादव मध्यप्रदेश के महू में भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद के साथ जनसभा भी कर चुके हैं और उन्होंने चुनाव की रणनीति तेज कर दी है. वहीं छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव को लेकर भी सपा की प्रदेश इकाई ने कांग्रेस पर दबाव बनाते हुए 40 सीटों की एक सूची बनाई है, सपा से जुड़े नेताओं का कहना है कि 'छह सीटें मिलने पर भी वो संतुष्ट हो सकते हैं. इसी तरह राजस्थान के अलवर लोकसभा सीट और ओबीसी बाहुल्य पांच विधानसभा सीटों पर सपा ने तैयारी शुरू कर दी है. सपा को 2018 में भी कांग्रेस ने यहां तीन सीटें दी थीं, लेकिन आखिरी समय में समाजवादी गठबंधन से बाहर आ गई थी. सूत्रों का कहना है कि तेलंगाना में समाजवादी पार्टी का कोई जनाधार नहीं है. बावजूद इसके केसीआर अखिलेश यादव से बेहतर सम्बन्ध होने के कारण दो से तीन सीटें सपा को दे सकते हैं. इससे अखिलेश यादव की राष्ट्रीय राजनीति में स्थिति और मजबूत होगी.