नई दिल्ली: बुकर पुरस्कार से सम्मानित सलमान रुश्दी 'टाइम्स लिटफेस्ट' के एक सत्र में कहा कि उनका अगला उपन्यास भारत आधारित होने की उम्मीद है जिसके लिए उन्हें भारत वापस आना होगा.
उन्होंने कहा कि पिछले दस वर्षों में मैंने ज्यादातर उपन्यास पश्चिमी देशों पर आधारित लिखे हैं, ये उपन्यास ज्यादातर अमेरिका आधारित हैं, थोड़े ब्रिटेन पर आधारित हैं, मुझे लगता है कि यह भारत वापस आने का समय हो सकता है. मुझे लगता है कि अगली पुस्तक एक भारतीय उपन्यास होगी.
सलमान रुश्दी ने कहा कि यह बहुत शुरुआती चरण में है, इसलिए मुझे थोड़ा और आगे बढ़ने दीजिये लेकिन ऐसा लग रहा है कि यह पूरी तरह से भारत पर आधारित होगा, जिसका मतलब है कि मुझे भारत आना होगा. बहुत लंबा समय हो गया है.
लेखक आखिरी बार दीपा मेहता की 2013 की फिल्म ‘मिडनाइट्स चिल्ड्रेन’ के प्रचार के लिए भारत आए थे, जो रुश्दी की इसी नाम की बुकर पुरस्कार सम्मानित पुस्तक पर आधारित थी. रुश्दी की भारत यात्रा अक्सर विवादों में घिरी रही है क्योंकि उनकी 1988 की पुस्तक ‘सैटेनिक वर्सेज’ के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धार्मिक आक्रोश उत्पन्न हुआ था, जिसके बाद उन्होंने देश का दौरा करने से परहेज किया.
खुद को बॉम्बे बॉय कहने वाले लेखक ने भारत वापस आने के बारे में बात करते हुए कहा कि धार्मिक आपत्तियों या सुरक्षा दिक्कतों- ने देश में वापस आना काफी मुश्किल बना दिया.