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उदयनिधि स्टालिन के विवादित बयान पर अयोध्या के संतों ने खोला मोर्चा, कहा-हजारों वर्षों पुराना है सनातन धर्म, देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करने की मांग

उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म पर दिए गए विवादित बयान पर अयोध्या के संतों ने मोर्चा खोल दिया है. संतों ने बताया है कि सनातन धर्म कितना प्राचीन है और इसकी क्या महत्ता है. साथ ही संतों ने उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की है.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 6, 2023, 9:00 AM IST

उदयनिधि स्टालिन के विवादित पर बयान पर संतों ने ये कहा.

अयोध्या: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और तमिलनाडु सरकार में खेल मंत्री उदय निधि स्टालिन द्वारा सनातन धर्म का अपमान किए जाने और आपत्तिजनक बयान दिए जाने को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. अयोध्या में इस मुद्दे को लेकर संतों में बेहद नाराजगी है.अयोध्या के संतों ने मांग की है कि केंद्र सरकार को इस मामले पर हस्तक्षेप करना चाहिए. यह सिर्फ एक बयान नहीं बल्कि भारत के संघीय ढांचे को क्षति पहुचाने की एक बहुत बड़ी साजिश है. देश की 80 फ़ीसदी आबादी पर हमले जैसा है. ऐसे लोग देश के लिए खतरा है. इनके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा कर इन्हें देश के बाहर निकाल दिया जाना चाहिए.

जगद्गुरु परमहंस आचार्य ने ये कहा.
ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए तपस्वी छावनी के महंत जगतगुरु परमहंस आचार्य ने कहा कि सनातन का अर्थ है कि जिसका कभी अंत न हो. आज देश ही नहीं पूरी दुनिया में जितने भी धर्म है उनके प्रारंभ का लिखित इतिहास मौजूद है लेकिन सनातन धर्म एक ऐसा धर्म है जो मनुष्य की उत्पत्ति से पहले से है. वेद की ऋचाओं ने इस धरती पर प्राकट्य लिया था.

महर्षि वेदव्यास ने पुराण लिखे हैं लेकिन वेदों को किसी ने लिखा नहीं है. इस्लाम धर्म की उत्पत्ति पैगंबर मोहम्मद साहब से हुई थी, ईसाई धर्म की उत्पत्ति ईसा मसीह से हुई थी, जैन धर्म की उत्पत्ति महावीर स्वामी से हुई थी, बौद्ध धर्म की उत्पत्ति महात्मा बुद्ध से हुई थी, लेकिन सनातन धर्म पूरे विश्व का एक ऐसा धर्म है जिसकी उत्पत्ति हजारों वर्ष पहले से है. बाकी जितने भी धर्म है सब की उत्पत्ति बीते 2000 वर्षों के अंदर हुई है. इस धर्म को समाप्त करने की यह पहली साजिश नहीं है, ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए.

केंद्र सरकार को करना चाहिए हस्तक्षेप
जगद्गुरु रामदिनेशाचार्य महाराज ने कहा कि सनातन धर्म को समाप्त करने का कोशिश प्रयास पहली बार नहीं हो रहा है.इससे पहले भी राक्षसों ने सनातन धर्म पर आक्षेप किया था और उनका संहार भी हुआ था. आज हमारा देश सबका साथ सबका विकास की सोच के साथ आगे बढ़ रहा है. हमारे देश में सभी धर्मों का सम्मान है. ऐसे में जो नेता सनातन धर्म को समाप्त करने की बात खुले मंच से कह रहे हैं.वह निश्चित रूप से देश की संप्रभुता के लिए आपसी भाईचारे के लिए खतरा हैं. मैं केंद्र सरकार से मांग करता हूं कि ऐसे लोगों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा तत्काल दर्ज किया जाना चाहिए और इन्हें देश के बाहर निकाल देना चाहिए. सनातन धर्म में जीवों पर दया करने और सबको साथ लेकर चलने की सीख दी गई है. कितने वर्षों से इस प्राचीन धर्म का अनुसरण समाज का एक बड़ा वर्ग करता आ रहा है. उदय निधि जैसे लोगों के बयान देने से सनातन का कोई नुकसान नहीं होना है. हालांकि आपसी मतभेद पैदा होने से पहले ही ऐसे लोगों का उपचार किया जाना आवश्यक है.

वाणी पर संयम नहीं रखेंगे तो इलाज कर दिया जाएगा
हनुमानगढ़ प्रसिद्ध सिद्ध पीठ के मुख्य पुजारी राजू दास तमिलनाडु के खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन के बयान पर बेहद नाराज दिखे. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि इतिहास गवाह है की सनातन को समाप्त करने के लिए मुगलों ने यमन,शक,हूण न जाने कितने आक्रांताओं ने प्रयास किया लेकिन उनकी कामना कभी सिद्ध नहीं हुई. बल्कि ऐसे लोगों का अंत हुआ है.शर्म की बात यह है कि एक तरफ दक्षिण भारत का एक नेता सनातन धर्म को लेकर आपत्तिजनक बयान देता है. वहीं, आईएनडीआईए गठबंधन की मुख्य पार्टी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के बेटे और कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खड़गे ने भी उदय निधि के कथित बयान का समर्थन किया है और सनातन धर्म को एक बीमारी जैसा ही बताया है. ऐसे लोगों को पहले सनातन के बारे में जान लेना चाहिए फिर उसके बाद अपने विचार रखना चाहिए. ऐसे नेता अगर अपनी वाणी पर संयम नहीं रखेंगे तो उनका इलाज भी कर दिया जाएगा.

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