बेंगलुरु :कर्नाटक (Karnataka) में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के एक वर्ग में मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा (BS Yediyurappa) को हटाये जाने को लेकर चर्चा (Discussion on removal of Chief Minister) जारी है. इस बीच विभिन्न दलों के प्रमुख वीरशैव-लिंगायत राजनीतिक नेताओं और संतों ने उनके पीछे अपनी पूरी ताकत झोंक दी है.
इस प्रभावशाली समुदाय के कई संतों एवं नेताओं ने भाजपा को 78 वर्षीय कद्दावर लिंगायत नेता को मुख्यमंत्री के पद से हटाये जाने के विरूद्ध आगाह किया है. कर्नाटक में लिंगायत करीब 16 फीसद हैं. वीरशैव-लिंगायत समुदाय भाजपा का अहम वोटबैंक समझा जाता है.
येदियुरप्पा को हटाये जाने की अटकलें फिर तेज होने पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता और 'ऑल इंडिया वीरशैव महासभा' के प्रमुख शमानुर शिवशंकरप्पा ने कहा, यह समुदाय उनके पीछे मजबूती से खड़ा है.
उन्होंने येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री पद से हटाये जाने के बारे में भाजपा में चल रहे मंथन की खबर के बारे में पूछे गये एक प्रश्न के उत्तर में कहा, उसे (भाजपा नेतृत्व को) एस निजलिंगप्पा, वीरेंद्र पाटिल, जे एच पटेल और एस आर बोम्मई (सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों) से जुड़ा इतिहास याद कर लेना चाहिए. यदि वह ऐसा कोई कुछ भी करने की चेष्टा करता है तो वह अपना ही सर्वनाश करेगा.
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उन्होंने कहा, वीरशैव महासभा उनके पीछे खड़ी है.. जब तक येदियुरप्पा रहेंगे तब तक भाजपा रहेगी. यदि येदियुरप्पा को परेशान किया गया तो चीजें खत्म हो जाएंगी.
लिंगायत समुदाय के अन्य कांग्रेस नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री एम बी पाटिल ने चेतावनी दी कि यदि भाजपा ने येदियुरप्पा जैसे कद्दावर नेता के साथ 'बुरा बर्ताव' किया, जो भाजपा लिंगायतों के कोप का भाजन बन सकती है.