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सहारा इंडिया के भोपाल स्थित मुख्यालय पर EOW का छापा, 25 हजार से अधिक निवेशकों के अटके हैं 250 करोड़ रुपए - निवेशकों के पैसे न लौटाने का मामला,

जबलपुर के 12 निवेशकों ने गोरखपुर में सहारा की शाखा में 19.68 लाख रुपए जमा किए थे. इनकी मेच्यूरिटी अवधि समाप्त होने के बाद भी इन लोगों को पैसे नहीं दिए जा रहे हैं. इस मामले में EOW ने स्थानीय शाखा प्रबंधन, एजेंट सहित सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय को भी धोखाधड़ी व अमानत में खयानत की विभिन्न धाराओं में आरोपी बनाया है.

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Published : Sep 27, 2021, 6:46 PM IST

भोपाल : सहारा इंडिया के भोपाल स्थित मुख्यालय पर सोमवार को आर्थिक अपराध ब्यूरो की टीम ने छापा मारा. छापा मारने वाली टीम जबलपुर से आई थी. दरअसल, जबलपुर के 12 निवेशकों ने गोरखपुर में सहारा की शाखा में 19.68 लाख रुपए जमा किए थे. इनकी मेच्यूरिटी अवधि समाप्त होने के बाद भी इन लोगों को पैसे नहीं दिए जा रहे हैं. इस मामले में EOW ने स्थानीय शाखा प्रबंधन, एजेंट सहित सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय को भी धोखाधड़ी व अमानत में खयानत की विभिन्न धाराओं में आरोपी बनाया है. इसी संबंध में दस्तावेजों को जब्त करने के लिये EOW की टीम ने कंपनी के भोपाल मुख्यालय पर छापा मारा.

FIR में सुब्रत रॉय का नाम भी शामिल

सहारा फाइनेंस कंपनी के कार्यालय पर यह छापे मारी की कार्रवाई निवेशकों के दस्तावेजों की पड़ताल करने के लिए की गई है. इसी महीने ईओडब्ल्यू, जबलपुर की टीम ने इस फाइनेंस कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की थी. उस दौरान जांच में यह सामने आया था कि निवेशकों के दस्तावेज भोपाल स्‍थित कार्यालय भिजवाए गए थे. इसी सिलसिले में यह कार्रवाई की गई है. जबलपुर आर्थिक अपराध ब्यूरो ने इस मामले में सहारा ग्रुप के चेयरमैन सुब्रत रॉय सहित अन्य लोगों को अपराधी बनाते हुए जबलपुर में एफआईआर दर्ज की है.

EOW की टीम ने जब्त किए कागजात

भोपाल के एमपी नगर में सहारा का मुख्यालय है. सोमवार सुबह ईओडब्ल्यू की टीम भोपाल पहुंची थी, यहां मामले से जुड़े निवेशकों के दस्तावेज मौजूद होने की बात जांच में सामने आई थी. उन्हीं के दस्तावेज को जब्त करने के लिए यहां छापेमारी की गई. जानकारी में यह तथ्य भी सामने आया है कि सहारा ग्रुप के खिलाफ दर्ज 3 मामलों में निवेशकों के दस्तावेज जब्त किए गए हैं. आपको बता दें कि इससे 11 दिन पहले ईओडब्ल्यू की टीम ने जबलपुर और कटनी समेत तीन जगहों पर दबिश दी थी. मामले में अब तक 25 हजार से अधिक निवेशकों के 250 करोड़ रुपए फंसे होने की जानकारी मिली है. इस मामले में निवेशकों की मैच्युरिटी डेट निकलजाने के बावजूद भी भुगतान न करने को लेकर एफआईआर दर्ज की गई है.

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