प्रयागराज :अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में नया मोड़ आ गया है. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरि गिरि और पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के आचार्य महा मंडलेश्वर कैलाशा नंद गिरि और सचिव रवींद्र पुरी ने एक स्वर से सुसाइड लेटर को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं.
सभी का कहना है कि सुसाइड लेटर महंत नरेंद्र गिरि ने नहीं लिखा है. इसके साथ ही सुसाइड लेटर को फर्जी बताते हुए पूरे मामले की उच्च स्तरीय अथवा CBI से जांच की मांग की है. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री और जूना अखाड़े के संरक्षक महंत हरी गिरि का कहना है कि वह सालों से महंत नरेंद्र गिरि को जानते थे.
महंत नरेंद्र गिरि हमेशा पत्थरों पर सिर्फ हस्ताक्षर किया करते थे, इसलिए वह इतना लंबा चौड़ा सुसाइड लेटर नहीं लिख सकते हैं. महंत गिरि ने सुसाइड लेटर को फर्जी करार देते हुए उसमें लिखी बातों पर भी यकीन करने से इंकार कर दिया है.
महंत हरि गिरि ने कहा कि अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष का इस तरह से सुसाइड कर लेना बहुत बड़ा गंभीर मामला है. इस मामले की गंभीरता को देखते हुए गृहमंत्री अमित शाह खुद मामले की निगरानी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी मामले की जांच की निष्पक्ष जांच की बात कही है.
उन्हें यकीन है कि घटना के पीछे जो भी दोषी हैं, उनका पता लगाकर उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. हरि गिरि ने कहा कि नरेंद्र गिरि के सुसाइड पर न सिर्फ साधु-संत बल्कि पूरे देश की जनता यकीन नहीं कर पा रही है. यही वजह है पुलिस के अलावा अखाड़ा परिषद भी इस मामले की अपने स्तर से जांच पड़ताल कर रहा है.