बेंगलुरु:केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा ने बताया कि केंद्र सरकार ने अगले 3 सालों में देश को पूरी तरह से स्वतंत्र बनाने के उद्देश्य से कई परियोजनाएं शुरू की हैं.
सदानंद गौड़ा ने बेंगलुरु में आरआर इंस्टीट्यूट और लायंस क्लब द्वारा आयोजित प्रधानमंत्री भारतीय जनश्रुति योजना और रक्तदान शिविर का उद्घाटन करते समय यह बातें कहीं. उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक स्तर पर जेनेरिक दवा का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है. हमने कोविड काल के समय दुनियाभर के 120 देशों में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन और पेरासिटामोल जैसी गोलियां दी है, लेकिन हम अधिकांश दवा उत्पादन के लिए आवश्यक बुनियादी रसायनों के लिए चीन और अन्य देशों पर निर्भर हैं.
केंद्रीय मंत्री गौड़ा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में तीन चिकित्सा औद्योगिक क्लस्टर स्थापित किए जा रहे हैं। इसी तरह, चिकित्सा उपकरणों का 85 प्रतिशत आयात किया जाता है. चिकित्सा उपकरणों के निर्माण के लिए देश में चार मेडिकल डिवाइस पार्क विकसित किए जा रहे हैं. केंद्रीय मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने कहा कि इन सभी को आत्मनिर्भरता हासिल करने में तीन साल और लगेंगे.
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सदानंद गौड़ा ने कहा कि अब तक देश के 734 जिलों में 7500 जनऔषधि केंद्र खोले गए हैं. केंद्र सरकार की यह इच्छा है कि देश के सभी सरकारी अस्पतालों में गरीबों के हित के लिए जनऔषधि केंद्र हों. उन्होंने आग्रह करते हुए कहा कि राज्य के सभी अस्पतालों में जनऔषधि केंद्र खोलने की अनुमति दी जाए. इस मुद्दे पर हम पहले ही स्वास्थ्य मंत्री डॉ. के सुधाकर के साथ चर्चा कर चुके हैं.