अमृतसर : पंजाब का मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार चरणजीत सिंह चन्नी ने अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में मत्था टेका. उनके साथ पंजाब के डिप्टी सीएम सुखजिंदर सिंह रंधावा और नवजोत सिंह सिद्धू भी मौजूद थे. स्वर्ण मंदिर में करीब दो घंटे तक रहने के दौरान उन्होंने सेवा की. वे सिखों के सर्वोच्च तख्त अकाल तख्त भी गए. स्वर्ण मंदिर में मत्था टेकने के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान चन्नी ने कहा कि 2015 के बेअदबी मामलों में न्याय किया जाएगा.
उन्होंने फरीदकोट में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की घटनाओं का जिक्र भी किया. चन्नी ने कहा कि वे यहां गुरु साहिब का आशीर्वाद लेने आए हैं और राज्य में प्रत्येक धर्म का सम्मान किया जाएगा. सिद्धू ने कहा कि राजनीति मुद्दों से भटक गई थी, लेकिन हमारे मुख्यमंत्री ने इन मुद्दों पर वापस ध्यान खींचा है. उन्होंने कहा अगर हम लोगों के मुद्दे हल नहीं कर सकते तो हम सच्चे सिख नहीं हैं, क्योंकि धर्म भूखे को खाना खिलाना, रोते को हंसाना और बेसहारा को सहारा देना सिखाता है.
मुख्यमंत्री की तारीफ करते हुए सिद्धू ने कहा पिछले दो दिनों में इतने विनम्र मुख्यमंत्री (चन्नी) के साथ मुझे जो अनुभव हुआ है उससे आज मैं बहुत खुश हूं. मैंने अपने पिछले 17 साल के राजनीतिक जीवन में कभी ऐसा महसूस नहीं किया. अब ऐसी भावना है कि कांग्रेस बिना किसी डर के लोगों की सेवा कर सकती है. उन्होंने कहा कि योग्यता का सम्मान किया जाएगा और सच्चाई की जीत होगी.