जयपुर: कांग्रेस (Congress) पार्टी ने शुक्रवार को पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ पूरे प्रदेश में प्रदर्शन किया. कांग्रेस नेताओं ने पेट्रोल पंपों पर प्रदर्शन किया. राजस्थान कांग्रेस ने भी प्रदर्शन किया लेकिन जयपुर में हुए प्रदर्शन में सबकी निगाहें सचिन पायलट (Sachin Pilot) पर टिकी रहीं. जो पार्टी से नाराज बताए जा रहे हैं. जितिन प्रसाद के बीजेपी में जाने के बाद सबकी निगाहें सचिन पायलट के हर एक्शन पर हैं. इस प्रदर्शन में सचिन पायलट के शामिल होने को लेकर भी कई सवाल थे. सचिन पायलट प्रदर्शन में तो शामिल हुए लेकिन आलाकमान को साफ-साफ संदेश अपने इशारों से दे दिया.
गहलोत से दूर लेकिन पार्टी के साथ
शुक्रवार को जयपुर में हुए प्रदर्शन में सचिन पायलट ने इशारों में ही सही ये संदेश दे दिया. दरअसल राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasara) के नेतृत्व में जयपुर के अजमेर रोड स्थित पेट्रोल पंप पर प्रदर्शन हुआ. ये जगह सचिन पायलट के घर से महज 500 मीटर दूर थी लेकिन सचिन पायलट यहां प्रदर्शन में शामिल नहीं हुए और करीब 15 किलोमीटर दूर सांगानेर में स्थित एक पेट्रोल पंप पर प्रदर्शन किया. जहां पायलट कैंप के ही नेता मौजूद थे.
मतलब साफ है कि पायलट भले ही कांग्रेस के प्रदर्शन (Congress Protest) में शामिल हुए, लेकिन उन्होंने राजस्थान कांग्रेस के गहलोत कैंप (Gehlot Camp) के नेताओं और मंत्रियों की मौजूदगी में हो रहे प्रदर्शन से दूरी बनाई. पायलट जिस प्रदर्शन में पहुंचे उसमें केवल पायलट कैंप के ही नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे. जिनमें विधायक हेमाराम, रामनिवास गावड़िया, मुकेश भाकर मौजूद थे.
नेता विपक्ष पायलट के साथ रहे मौजूद
वहीं, इस प्रदर्शन में पायलट के बगल में बैठे पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी (Rameshwar Doody) की मौजूदगी हर किसी को बता रही थी कि अब डूडी भी पायलट के साथ हैं. इस प्रदर्शन में पायलट कैंप के माने जाने वाले प्रदेश कांग्रेस सचिव महेंद्र खेड़ी, पूर्व महासचिव महेश शर्मा, पूर्व महापौर ज्योति खंडेलवाल, पूर्व सचिव सुरेश मिश्रा और राजेश चौधरी मौजूद थे, जो कट्टर पायलट समर्थक माने जाते हैं. ऐसे में साफ है कि भले ही खुलकर कोई कुछ न कहें, लेकिन पायलट गुट (Pilot Camp) अब राजस्थान में कांग्रेस के प्रदर्शन (Rajasthan Congress Protest) में अपना अलग वर्चस्व दिखने में जुट गया है. भले ही वह कांग्रेस के साथ हों, लेकिन उनके नेता अलग हैं और कार्यकर्ता अलग हैं.