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केरल : विधानसभा चुनाव की सरगर्मी में तल्ख हुआ सबरीमाला का मुद्दा - sabrimala matter in kerala

जैसे ही केरल में विधानसभा चुनाव की जमीन तैयार हुई राज्य ने विपक्ष के और अधिक विरोध देखे. एलडीएफ द्वारा पिछले दरवाजे से की गई नियुक्तियों को लेकर विवादों के बीच विपक्षी दलों द्वारा आयोजित विरोध-प्रदर्शन तेज हो गए हैं. राज्य की राजधानी में सचिवालय के सामने एक और आत्महत्या का प्रयास किया गया. आने वाले दिनों में नौजवानों के विरोध-प्रदर्शन के बढ़ने की संभावना है.

केरल में सबरीमाला का मुद्दा
केरल में सबरीमाला का मुद्दा

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Published : Feb 10, 2021, 10:02 PM IST

Updated : Feb 11, 2021, 9:39 AM IST

तिरुवनन्तपुरम : सबरीमाला मुद्दे को विरोध के बीच में ही लाया गया. मंगलवार को नायर सर्विस सोसाइटी (NSS) ने तीनों मोर्चों की आलोचना की है. जिस तरह से उनमें से प्रत्येक ने सबरीमाला में महिला प्रवेश के फैसले पर प्रतिक्रिया दी है, एनएसएस ने इसकी आलोचना की है.

एनएसएस के अनुसार केंद्र की भाजपा सरकार, अनुष्ठान और रीति-रिवाजों की रक्षा के लिए एक कानून बनाकर सबरीमाला मुद्दे को आसानी से हल कर सकती है. राज्य सरकार अपने हलफनामे को सही भी कर सकती थी या कानून बना सकती थी. विपक्षी दल होते हुए भी यूडीएफ राज्य विधानसभा में एक विधेयक पेश कर सकता था. हालांकि तीन प्रमुख मोर्चों, जिन्होंने तब कार्रवाई नहीं की थी. एनएसएस ने आरोप लगाया कि विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अब नए वादे और दावे के साथ आए हैं. एनएसएस की प्रतिक्रिया को रमेश चेन्निथला के वादे और प्रतिशोध के बाद थी कि सबरीमाला पर मसौदा विधेयक कांग्रेस द्वारा यूडीएफ के सत्ता में आने के तुरंत बाद लागू किया जाएगा.

बन सकता है चुनावी एजेंडा

इस बीच मीडिया रिपोर्टों को खारिज करते सीपीएम पोलित ब्यूरो सदस्य ने महिलाओं के प्रवेश पर एक नया हलफनामा दायर किया. कहा कि ऐसी खबरें झूठी और निराधार हैं. आरोप लगाया कि विपक्ष सबरीमाला में महिलाओं के प्रवेश के लिए अन्य राजनीतिक मुद्दों को उठाना चाहता है. शिकायतकर्ता ने कहा कि विपक्ष सबरीमाला को चुनावी मुद्दा बनाकर चुनावी एजेंडा बदलने की कोशिश कर रहा है. अध्यक्ष पी श्रीरामकृष्णन और मंत्री केटी जलील ने विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला को चुनौती दी है. जो आगामी विधानसभा चुनावों में लड़ने के लिए पिछले दरवाजे की नियुक्तियों सहित राज्य सरकार की आलोचना करते हुए अपनी ऐश्वर्या केरल यात्रा जारी रखे हैं. जबकि श्रीरामकृष्णन ने चन्नीथला को पोन्नानी निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव लड़ने की चुनौती दी.

पाला सीट एलडीएफ के लिए सिरदर्द

विधानसभा चुनाव के लिए पाला सीट एलडीएफ के लिए सिरदर्द बना हुआ है. जानकारी के अनुसार एनसीपी नेता मणि सी कप्पन ने कहा कि यदि पाल सीट के लिए उनको मना कर दिया जाता है तो वे यूडीएफ नेताओं के साथ एलडीएफ के दीर्घकालिक गठबंधन को तोड़ने पर चर्चा करेंगे. एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार से दोबारा मिलने के बाद ही मणि सी कप्पन अपना अंतिम रुख घोषित करेंगे. विधानसभा चुनावों के उत्साह के बीच राज्यसभा की तीन खाली सीटों पर उपचुनाव की संभावना जल्द ही केरल के राजनीतिक परिदृश्य पर राष्ट्रीय ध्यान आकर्षित करेगी.

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कांग्रेस की चुनावी परीक्षा

राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद की मांग है कि राज्यसभा की खाली सीटों में से एक को चर्चा के स्तर पर रखा जाना चाहिए. हालांकि कांग्रेस हाईकमान को अंतिम फैसला लेना है. अन्य दो सीटों पर सीपीएम के चुनाव लड़ने की संभावना है. मणि सी कप्पन को शांत करने के लिए एक सुलह के उपाय के रूप में एनसीपी को राज्यसभा सीट आवंटित करने के प्रयास भी किए जा रहे हैं.

Last Updated : Feb 11, 2021, 9:39 AM IST

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