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शिवसेना का मोदी सरकार पर हमला- चीन का क्या करेंगे?

शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' के जरिए देश की मोदी सरकार को घोरने की कोशिश की है. शिवसेना ने कहा कि चीनी सेना हमारे देश की सीमा में घुस आई है और हम जोड़-तोड़ का तरीका स्वीकार कर रहे हैं.

Saamana editorial strongly criticised Modi Govt
सामना के जरिए बोला हमला

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Published : Nov 21, 2020, 12:12 PM IST

मुंबई:शिवसेना अपने मुखपत्र 'सामना' के जरिए केंद्र की मोदी सरकार पर लगातार हमलावर रहती है. इस बार शिवसेना ने 'सामना' के संपादकीय लेख के जरिए चीन को लेकर पीएम मोदी को घेरने की कोशिश की है.

शनिवार को सामना में छपे संपादकीय में शिवसेना ने चीन के मुद्दे के उठाया है. शिवसेना ने केंद्र सरकार को आड़े हाथ लेते हुए लिखा कि-

हमारी सीमा में घुसे चीनी सैनिक

चीनी सैनिकों ने हिंदुस्थान की सीमा के अंतर्गत लद्दाख में घुसपैठ की. चीनी सैनिक जो भीतर आए हैं, वे वापस जाने को तैयार नहीं हैं. वहां से हटने को लेकर दोनों देशों की सेना अधिकारियों के बीच चर्चा और जोड़-तोड़ शुरू है. चीनी हमारी सीमा में घुस आए हैं लेकिन हमने चर्चा और जोड़-तोड़ का तरीका स्वीकार किया, इसे आश्चर्यजनक ही कहा जाएगा.

चीन का घुसना काफी खतरनाक

सामना के संपादकीय में शिवसेना ने लिखा कि जमीन हमारी और नियंत्रण चीनी सेना का, लेकिन प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और भाजपा के नेताओं ने चीन का नाम लेकर कुछ धौंस दिखाई हो, ऐसी तस्वीर नहीं दिखती. ये सब चेतावनी आदि पाकिस्तान के लिए सुरक्षित रखा होगा. चीन की बात निकली है इसलिए कहना है कि हिंदुस्तान के मित्र देश भूटान की सीमा में चीनी सेना घुस चुकी है और डोकलाम के पास एक गांव को उसने अपने नियंत्रण में ले लिया है. ये गांव भूटान-हिंदुस्थान की सीमा पर है. वहां चीन का घुसना हमारे लिए खतरनाक है.

दिल्लीश्वर आंखें बंद करके बजा रहे झांझ-करताल

इसके पहले डोकलाम सीमा पर चीनी सेना घुसी ही थी और वहां हिंदुस्तानी सेना के साथ उसकी बार-बार झड़पें हो चुकी हैं. अब डोकलाम पार करके चीनी सैनिक गांव में आकर बैठ गए हैं. भूटान की संप्रभुता की रक्षा करने की जिम्मेदारी हिंदुस्तानी सेना की है क्योंकि भूटान का कमजोर होना मतलब हिंदुस्तान की सीमा को चीरने जैसा होगा. पाकिस्तान नहीं, बल्कि चीनी सेना हमारी सीमा में सीधे घुस आई है फिर भी दिल्लीश्वर आंखें बंद करके ‘हिंदुस्तान बनाम पाकिस्तान’ की झांझ-करताल बजा रहे हैं.

बीजेपी पर बोला हमला

गत चार दिनों में हिंदुस्तानी सेना ने पाक की सीमा में गोला-बारूद फेंककर कई चौकियां और बंकर्स ध्वस्त कर दिए. ये सही है, लेकिन हमारी सीमा में हमारे ही जवान मारे गए. उनमें से तिरंगे में लिपटे हुए दो जवानों की शवपेटी महाराष्ट्र में आई. ये शव पेटियां जब जवानों के गांव में पहुंचीं, उस समय महाराष्ट्र के भाजपा के नेता क्या कर रहे थे? वे मुंबई में छठ पूजा की मांग कर रहे थे. उनमें से कुछ ‘मंदिर खोलो, मंदिर खोलो’ का शंख फूंक रहे थे, वहीं कुछ लोग मुंबई मनपा से भगवा उतारने के लिए प्रेरणादायी भाषण ठोंक रहे थे.

लगातार आ रहीं शव पेटियां

देश के समक्ष बनी गंभीर परिस्थिति को भूलने पर और क्या होगा? कश्मीर घाटी से तिरंगे में लिपटी जवानों की शव पेटियां आ रही हैं, लेकिन श्रीनगर के लाल चौक में जाकर तिरंगा फहराना अभी भी अपराध है. मुंबई मनपा से भगवा उतारने का जिन्होंने बीड़ा उठाया है, वे श्रीनगर में जाकर तिरंगा कब फहराएंगे, ये भी साफ कर देना चाहिए. लद्दाख की सीमा में चीनी सैनिक बैठे हैं. उन्होंने वहां निर्माण कार्य करके ‘रेड आर्मी’ का लाल निशान फहरा दिया है. पहले वो लाल निशान उतारकर दिखाओ और उसके बाद ही मुंबई के तेजस्वी भगवा से उलझो. चीनी सैनिक सिर्फ डोकलाम गांव में घुसकर ही नहीं रुके, उन्होंने हिमाचल प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश में घुसपैठ करने की मुहिम शुरू कर दी है, ऐसा दिख रहा है.

चीनी साम्राज्यवाद का बढ़ रहा खतरा

सिक्किम की सीमा पर भी चीनी सैनिकों की हलचल बढ़ गई है. हिंदुस्थान की सेना लाल बंदरों पर हावी होने में समर्थ हैं ही, लेकिन चीनी साम्राज्यवाद का खतरा बढ़ रहा है. अरुणाचल प्रदेश से 60 किलोमीटर की दूरी पर न्यांगलू में चीनी सेना ने इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर की यूनिट ही स्थापित कर दी है. पूर्व लद्दाख के डेमचोक में नियंत्रण रेखा से ८० किलोमीटर दूर चीनी सैनिकों ने नए सिरे से निर्माण कार्य शुरू कर दिया है. हिमाचल प्रदेश के कौरिक के पास तथा अरुणाचल के फिशटेल १ और २ के पास चीनी सैनिक संदिग्ध हलचल करते दिख रहे हैं. उत्तराखंड सीमा के पास तनजून में ये चीनी सैनिक बंकर बनाकर जम चुके हैं. इसका मतलब क्या है? पाकिस्तान को आगे करके हिंदुस्थानी सेना को उस सीमा में उलझाकर रखना और अन्य सीमाओं को कमजोर करके चीनी सैनिकों की घुसपैठ करने की नीति दिख रही है.

पढ़ें:बीएमसी से भगवा ध्वज हटाने की बात करने वाले परास्त होंगे : शिवसेना

लद्दाख की जमीन पर ताल ठोंककर बैठे

चीन ने पेंच भिड़ा दी है और हम ‘हिंदुस्तान बनाम पाकिस्तान’ की कैंची में अटक गए हैं. कश्मीर घाटी शांत होने को तैयार नहीं है. सीमा पर भिड़ंत और भीतर कमाल की कसमसाहट है. कश्मीर का मामला गंभीर है ही, लेकिन चीन की आक्रामकता और घुसपैठ से नजरें हटाकर काम नहीं चलेगा. जिस जोश से पाकिस्तान का नाम लेकर हड़काया जाता है, उसी तेवर में चीन को भी हड़काने की आवश्यकता है. आवश्यकता पड़ने पर श्रीनगर और पाक अधिकृत कश्मीर आदि क्षेत्रों में भगवा फहराने के लिए महाराष्ट्र के भाजपा के नेताओं की नियुक्ति करनी चाहिए, लेकिन चीनी सैनिक चारों तरफ से हमला कर रहे हैं. उन्हें कब रोकेंगे? चीन का क्या करेंगे? डोकलाम में चीनी सेना घुस गई. हिमाचल, अरुणाचल और उत्तराखंड की सीमा से वे घुसने की तैयारी में हैं. लद्दाख की जमीन पर वे ताल ठोंककर बैठे हैं. किसी को इसकी चिंता है क्या?

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