नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी पर प्रहार करते हुए कहा कि चीन मामले पर यदि राहुल गांधी हमसे ज्यादा जानकारी रखते हैं, तो हम उनकी जरूर सुनेंगे. उन्होंने कहा कि सब कुछ मैंने ईमानदारी पूर्वक सीखा और जो भी जिम्मेदारी मिली, उसे निभाने की पूरी तरह से कोशिश की है. जयशंकर ने कहा कि मैंने नरेंद्र मोदी से पहली बार 2011 में चीन में मुलाकात की थी. तब वह गुजरात के सीएम थे.
उन्होंने कहा कि वह तीन दिन की यात्रा के लिए चीन गए थे. उस वक्त भी उन्होंने अपने विजिट की छाप छोड़ी थी. जयशंकर ने कहा कि मैंने बहुत सारे सीएम देखे हैं, लेकिन जिस तैयारी के साथ मोदी पहुंचते थे, वह बात किसी और में नहीं देखी. जयशंकर ने कहा कि राजनीतिक और ब्यूक्रेसी दोनों अलग-अलग चीजें हैं. दोनों अलग-अलग जिम्मेदारियां हैं. उन्होंने कहा कि ये सच है कि मैं 40 सालों तक संसद की गैलरी में बैठता रहा, लेकिन संसद के फ्लोर पर बैठना उससे बिल्कुल अलग होता है.
साल 2019 के नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल का हिस्सा बनने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा उन्हें आमंत्रित किए जाने पर विचार करते हुए, जयशंकर ने कहा कि यह एक आश्चर्य के रूप में आया. उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह मेरे दिमाग में नहीं आया था, मुझे नहीं लगता कि यह मेरे सर्कल में किसी और के दिमाग में आया था. एक बार जब मैंने प्रवेश किया, तो मुझे पूरी ईमानदारी से कहना चाहिए कि मैं खुद बहुत अनिश्चित था. मैंने अपने पूरे जीवन में राजनेताओं को देखा था.