भोपाल।विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित हुए एक कार्यक्रम में शिरकत की. इस दौरान विदेश मंत्री ने टाउन हॉल में आतंकवाद समेत कई मुद्दों पर बात की और भारत का रुख भी स्पष्ट किया. जयशंकर ने कहा कि " भारत आतंकवाद पर कड़ा रुख अपनाता है, क्योंकि हम आतंकवाद से पीड़ित हैं.''. बता दें कि विदेश मंत्री एस जयशंकर का ये बयान ऐसे समय पर आया है, जब इजराइल और हमास के बीच युद्ध चल रहा है.
आतंकवाद का सबसे बड़ा पीड़ित भारत:जयशंकर ने कहा कि "भारत ने हमेशा से ही आतंकवाद के खिलाफ बेहद सख्त रवैया अख्तियार किया है. भारत आतंकवाद से सबसे ज्यादा पीड़ित रहा है. जब हमारा देश आतंकवाद का शिकार होता है तब इसे हम जरूरी मानते हैं, लेकिन जब ऐसी घटनाएं दूसरे देशों में हो रही होती हैं हमें इसकी कोई चिंता नहीं होती. लेकिन अगर सच में हम आतंकवाद की परवाह नहीं करेंगे तो हमारी विश्वसनीयता नहीं रहेगी, इसलिए हमारा कर्तव्य है कि हम अपनी बात पर कायम रहें."
देश की विदेश नीति पर दो टूक जवाब: जयशंकर ने कहा कि भारत सरकार की विदेश नीति बहुत साफ और स्वतंत्र है. लिहाजा UN में गाजा को लेकर आए प्रस्ताव पर भारत ने वोटिंग से परहेज किया. दरअसल हाल ही में भारत ने संयुक्त राष्ट्र का एक प्रस्ताव जिसमें हमास के आतंकवादी हमलों की निंदा नहीं की गई थी उससे खुद को अलग रखा था. इसके बाद विपक्ष समेत कई लोगों ने सरकार से सवाल किए. एस.जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद पर ''एक संगत रुख'' अपनाने की जरूरत है'', ''आज, देश में मोदी सरकार मजबूत शासन के जरिए भारत के हरेक नागरिक के लिए मजबूती के साथ खड़ी है. जाहिर है सरकार विदेश में भी अपने हितों के मुताबिक मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है.
सिर्फ घर में ही सुशासन जरूरी नहीं, विदेश में भी सही फैसले लेने की जरुरत है और भारत ऐसा ही कर रहा है.'' देश की सरकार का आतंकवाद पर एक मजबूत स्टैंड है और उसी को आगे रखा जा रहा है. भारत दशकों तक आतंकवाद का बड़ा पीड़ित देश रहा है. लिहाजा हम यह कहें कि जब आतंकवाद हम पर प्रभाव डालता है, तो हमारी कोई विश्वसनीयता नहीं होगी. यह बहुत गंभीर मसला है. जब यह किसी और देश के साथ हो तो हमारे लिए यह गंभीर मुद्दा नहीं हो, यह बात देश की सरकार कत्तई नहीं कह सकती.
भारत ने UN में जॉर्डन के प्रस्ताव पर क्यों खुद को अलग रखा: एस जयशंकर ने कहा कि, ''हमें लगातार अपना स्टैंड क्लियर रखना होगा और उस पर अमल भी करना होगा. भारत ने पिछले हफ्ते UN में जॉर्डन के लाए प्रस्ताव पर वोटिंग से खुद को अलग रखा. इस प्रस्ताव में इजरायल और गाजा में बीच मानवीय आधार पर तुरंत एक युद्ध विराम की बात कही गई थी. मगर इस पर भारत ने साफ किया कि गाजा में सेना और हमास के आतंकवादी के बीच की लड़ाई में भारत का रुख बेहद साफ है.