नई दिल्ली :विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर न्यूयॉर्क पहुंचे हैं. जयशंकर संयुक्त राष्ट्र महासभा के उच्चस्तरीय 76वें सत्र में भाग लेने के लिए सोमवार को यहां पहुंचे. यहां उन्होंने अपने नॉर्वे, इराक और ब्रिटेन के समकक्षों के साथ द्विपक्षीय वार्ता की.
इस बारे में जानकारी देते हुए कहा, विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने ट्वीट किया, नार्वे के विदेश मंत्री इने एरिक्सन सोरेइड (Ine Eriksen Søreide) के साथ मेरी यूएनजीए बैठकें शुरू हुईं. सुरक्षा परिषद में हमारे साथ मिलकर काम करने की सराहना की. इस दौरान अफगानिस्तान के मुद्दे पर व्यापक चर्चा हुई. इस पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए एक एकीकृत दृष्टिकोण लेना महत्वपूर्ण है.
इसके बाद इराक के विदेश मंत्री फुआद हुसैन (Fuad Hussein) से मुलाकात के बाद विदेश मंत्री ने ट्वीट किया, हमारे ऐतिहासिक संबंधों- आर्थिक, ऊर्जा और विकास सहयोग संबंधों पर चर्चा हुई. क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया गया.
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने ब्रिटेन के नए विदेश सचिव लिज़ ट्रस (Liz Truss) से भी मुलाकात की और रोडमैप 2030 की प्रगति पर चर्चा की. उन्होंने व्यापार पक्ष में उनके (लिज़ ट्रस) योगदान की सराहना की. अफगानिस्तान और इंडो-पैसिफिक में विकास पर विचारों का आदान-प्रदान किया गया. आपसी हित में क्वारंटाइन मुद्दे के शीघ्र समाधान का आग्रह किया.
आने के कुछ ही देर बात उन्होंने नॉर्वे के विदेश मंत्री इने एरिकसन सोरीदे, इराक के विदेश मंत्री फुआद हुसैन और ब्रिटेन की नई विदेश मंत्री के साथ द्विपक्षीय बैठक की.
जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘ब्रिटेन की नई विदेश मंत्री ट्रुस से मिलकर बहुत खुशी हुई. हमने 2030 के रोडमैप की प्रगति पर चर्चा की. मैंने व्यापार के मामले में उनके योगदान की सराहना की. अफगानिस्तान और हिंद-प्रशांत में हालिया घटनाक्रम पर चर्चा की. मैंने पृथक-वास मामले के साझा हित में शीघ्र समाधान की अपील की.’’
जयशंकर और ट्रुस की बैठक ऐसे समय में हुई है, जब ब्रिटेन ने कोविड-19 संबंधी नए यात्रा प्रतिबंधों की घोषणा की है, जिसकी भारत ने तीखी आलोचना की है. नए नियमों के अनुसार, ब्रिटेन में यह माना जाएगा कि कोविशील्ड की दोनों खुराक ले चुके लोगों का टीकाकरण नहीं हुआ है और उन्हें 10 दिन पृथक-वास में रहना होगा.
दरअसल, ब्रिटेन की यात्रा के संबंध में फिलहाल लाल, एम्बर और हरे रंग की तीन अलग अलग सूचियां बनाई गई हैं. खतरे के अनुसार अलग-अलग देशों को अलग-अलग सूची में रखा गया है. चार अक्टूबर से सभी सूचियों को मिला दिया जाएगा और केवल लाल सूची बाकी रहेगी. लाल सूची में शामिल देशों के यात्रियों को ब्रिटेन की यात्रा पर पाबंदियों का सामना करना पड़ेगा. भारत अब भी एम्बर सूची में है. ऐसे में एम्बर सूची को खत्म करने का मतलब है कि केवल कुछेक यात्रियों को ही पीसीआर जांच से छूट मिलेगी. जिन देशों के कोविड-19 टीकों को ब्रिटेन में मंजूरी होगी, उसमें भारत शामिल नहीं है. इसका मतलब यह है कि जो भारतीय सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया का कोविशील्ड टीका लगवा चुके होंगे उन्हें अनिवार्य रूप से पीसीआर जांच करानी होगी तथा तय पतों पर पृथक-वास में रहना होगा.
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ब्रिटेन ने सोमवार को कहा था कि वह भारतीय प्राधिकारियों द्वारा जारी कोविड-19 रोधी टीकाकरण प्रमाणपत्र की स्वीकार्यता को विस्तार देने पर भारत के साथ चर्चा कर रहा है. चार अक्टूबर से लागू होने वाले नियमों को लेकर भारत में चिंताओं के बारे में पूछे जाने पर ब्रिटिश उच्चायोग के प्रवक्ता ने कहा कि ब्रिटेन इस मुद्दे पर भारत से बातचीत कर रहा है और अंतरराष्ट्रीय यात्रा को फिर से जल्द से जल्द खोलने को लेकर प्रतिबद्ध है.
जयशंकर और वरिष्ठ भारतीय अधिकारी सोमवार से शुरू हो रहे वार्षिक उच्च स्तरीय संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र के लिए न्यूयॉर्क पहुंचे हैं. पिछले साल कोरोना वायरस संक्रमण के कारण यह बैठक ऑनलाइन हुई थी.
जयशंकर इस सप्ताह कई सदस्य देशों के अपने समकक्षों से मुलाकात करेंगे और जी-20 बैठक में भाग लेंगे, जिसमें अफगानिस्तान पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. वह जी-4 विदेश मंत्रियों की बैठक में सुरक्षा परिषद सुधार पर भी चर्चा करेंगे.
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने ‘पीटीआई’ को बताया था कि परंपरागत रूप से संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र से इतर होने वाली ब्रिक्स की बैठक नहीं होगी, क्योंकि इस दौरान ब्रिक्स के सभी विदेश मंत्री मौजूद नहीं होंगे.
भारत गुतारेस द्वारा जलवायु, ऊर्जा और खाद्य प्रणालियों पर आयोजित तीन उच्च स्तरीय बैठकों में भाग लेगा. यूएनजीए का 76वां सत्र अब्दुल्ला शाहिद की अध्यक्षता में 14 सितंबर से शुरू हुआ. उच्च स्तरीय सप्ताह - आम बहस- 21 सितंबर से शुरू होगा और इस दिन अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन मंगलवार को विश्व नेताओं को संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 सितंबर को आम बहस को संबोधित करेंगे.