नई दिल्ली: भारत में हथियारों के आयात में रूस की हिस्सेदारी 2012-17 के 69 प्रतिशत से घटकर 2017-21 में 46 प्रतिशत रह गई (Russia's share in arms imports to India declined ). स्वीडन स्थित थिंक टैंक स्टॉकहोम अंतरराष्ट्रीय शांति अनुसंधान संस्थान 'एसआईपीआरआई' द्वारा सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई.
रूस ने 24 फरवरी से यूक्रेन के खिलाफ युद्ध शुरू किया, जिसके कारण अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों ने उस पर अत्यधिक कठोर आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं. रिपोर्ट में कहा गया, ‘2012-16 और 2017-21 के बीच भारत में हथियारों के आयात में 21 प्रतिशत की कमी आई. इसके बावजूद, भारत 2017-21 में प्रमुख हथियारों का दुनिया में सबसे बड़ा आयातक रहा और इस अवधि में विश्व में हथियारों के कुल आयात में भारत की हिस्सेदारी 11 प्रतिशत रही.'
एसआईपीआरआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2012-16 और 2017-21 की अवधि में रूस भारत को प्रमुख हथियारों का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता रहा, लेकिन भारत में रूसी हथियारों के आयात में इन दो अवधियों के बीच 47 प्रतिशत की गिरावट आई, क्योंकि रूसी हथियारों के लिए कई बड़े कार्यक्रम बंद हो गए. रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि अपने हथियार आपूर्तिकर्ता आधार में विविधता लाने के भारत के बढ़ते प्रयासों के कारण कुल भारतीय हथियारों के आयात में रूस का हिस्सा 69 प्रतिशत से गिरकर 46 प्रतिशत हो गया. इसके विपरीत, फ्रांस से भारत के हथियारों का आयात दस गुना से अधिक बढ़ गया, जिससे वह 2017–21 में भारत का दूसरा सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता बन गया.