वाशिंगटन :यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध के बीच भारत की भारत की सबसे बड़ी रिफाइनरी इंडियन ऑयल कॉर्प ने 24 फरवरी को रूस से 30 लाख बैरल क्रूड ऑयल खरीदा है. क्रूड ऑयल की इस खरीद प्रस्ताव पर अमेरिका ने प्रतिक्रिया दी है. व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा कि भारत ने रियायती दर पर रूस से तेल खरीदकर अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन नहीं किया है, मगर ऐसे कदम से दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र ' इतिहास के गलत पक्ष' की ओर चला जाएगा. बता दें कि अमेरिका के जो बाइडेन प्रशासन ने रूस से ऊर्जा आयात पर प्रतिबंध लगा रखा है. कच्चे तेल समेत अन्य वस्तुओं को रियायती कीमतों पर खरीदने के लिए भारत की पेशकश पर विचार करने की रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर जेन साकी ने कहा कि जो बाइडेन प्रशासन का संदेश देशों के लिए हमारे नियमों का पालन करने के लिए होगा.
जेन साकी ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि यह इसका उल्लंघन होगा, लेकिन यह भी सोचें कि आप कहां खड़े होना चाहते हैं. उन्होंने आगे कहा कि, जब इस समय इतिहास की किताबें लिखी जा रही हैं, रूसी नेतृत्व के लिए समर्थन विनाशकारी प्रभाव वाले आक्रमण का समर्थन है. बता दें कि भारत ने अभी तक यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की निंदा नहीं की है और संयुक्त राष्ट्र में रूस के खिलाफ मतदान से परहेज किया था. अमेरिकी अधिकारियों ने हाल के हफ्तों में कहा है कि वे चाहते हैं कि भारत जितना संभव हो सके रूस से खुद को दूर करे. साथ ही हथियारों और गोला-बारूद से लेकर मिसाइलों और लड़ाकू विमानों तक हर चीज के लिए मास्को पर अपनी भारी निर्भरता को कम करे.