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भारत और रूस के संबंध स्थिर एवं मजबूत : विदेश मंत्री जयशंकर - भारत और रूस के संबंध अनूठे

विदेश मंत्री जयशंकर(External Affairs Minister Jaishankar ) ने अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव(Russian counterpart Sergei Lavrov ) के साथ सोमवार को द्विपक्षीय वार्ता (Bilateral talks )में कहा कि भारत और रूस के संबंध अनूठे हैं और तेजी से बदलती भू-राजनीतिक दुनिया में उल्लेखनीय रूप से स्थिर एवं मजबूत बने हुए हैं.

रूसी विदेश मंत्री से मुलाकात पर बोले जयशंकर - भारत और रूस के बीच साझेदारी खास और अनोखी
रूसी विदेश मंत्री से मुलाकात पर बोले जयशंकर - भारत और रूस के बीच साझेदारी खास और अनोखी

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Published : Dec 6, 2021, 10:55 AM IST

Updated : Dec 6, 2021, 12:47 PM IST

नई दिल्ली:विदेश मंत्री जयशंकर ने अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ सोमवार को द्विपक्षीय वार्ता में कहा कि भारत और रूस के संबंध अनूठे हैं और तेजी से बदलती भू-राजनीतिक दुनिया में उल्लेखनीय रूप से स्थिर एवं मजबूत बने हुए हैं. रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोयगू और विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव अपने भारतीय समकक्षों के साथ ‘टू प्लस टू’ वार्ता करने के लिए रविवार रात यहां पहुंचे. ‘टू प्लस टू’ वार्ता से पहले जयशंकर ने लावरोव के साथ द्विपक्षीय वार्ता की.

जयशंकर ने बैठक की शुरुआत में कहा, ‘भारत और रूस के संबंध अनूठे हैं. तेजी से बदलती भू-राजनीतिक दुनिया में, यह वास्तव में उल्लेखनीय रूप से स्थिर एवं मजबूत बने रहे हैं. मैं इस अवसर पर इस बात को भी रेखांकित करना चाहूंगा कि हम अपने द्विपक्षीय संबंधों तथा अपने सहयोग की स्थिति से बहुत संतुष्ट हैं.' इस ‘टू प्लस टू’ वार्ता के बाद दिन में दोनों मंत्री राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ होने वाले शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे.

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जयशंकर ने कहा, 'हमारे लिए, वार्षिक भारत-रूस शिखर सम्मेलन एक बड़ा कार्यक्रम है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच रिश्तों में गहरा विश्वास है. कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण दो साल के अंतराल के बाद वार्षिक शिखर सम्मेलन हो रहा है. हमें इस शिखर सम्मेलन से काफी उम्मीदे हैं.' भारत और रूस इस शिखर सम्मेलन में रक्षा, व्यापार एवं निवेश, ऊर्जा एवं प्रौद्योगिकी जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग को विस्तार देने के लिए कई समझौते करेंगे.

शिखर सम्मेलन तथा रक्षा और विदेश मंत्री स्तरीय ‘टू-प्लस-टू’ वार्ता में दोनों पक्ष अफगानिस्तान में स्थिति और लश्कर-ए-तैयबा तथा जैश-ए-मोहम्मद जैसे समूहों समेत आतंकवाद के बढ़ते खतरे पर भी बातचीत करेंगे.

Last Updated : Dec 6, 2021, 12:47 PM IST

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