नई दिल्ली : रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन की प्राइवेट आर्मी (वैगनर) का विद्रोह कथित तौर पर खत्म हो चुका है. वैगनर आर्मी के प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन बेलारूस जा रहे हैं. विद्रोह की खबर आने पर जिस तरह से पुतिन ने उनके लिए 'आतंकवादी' और 'गद्दार' जैसे शब्दों का प्रयोग किया था, उसके बाद प्रिगोझिन को माफी दे देना किसी को भी समझ नहीं आ रहा है. वह भी तब जबकि पुतिन की कार्यशैली अलग रही है. ऐसा कहा जाता है कि पुतिन किसी की भी गलती माफ नहीं करते हैं, फिर उन्होंने प्रिगोझिन को माफी क्यों दी. आखिर दोनों के बीच किस तरह की डील हुई, इस सवाल का जवाब हर कोई जानना चाहता है.
विवादों में हैं तीन पात्र - इस पूरी कहानी के तीन पात्र हैं. वैगनर चीफ येवगेनी प्रिगोझिन, रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू और सेना प्रमुख वलेरी गेरासिमोव. बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार व्लादिमीर पुतिन ने विगत में प्रिगोझिन की मदद से दूसरे देशों पर धौंस जमाया और उसके बदले 'अकूत' संपत्ति जमा की. दरअसल, वैगनर एक प्राइवेट आर्मी है. पुतिन ही इसके असली जनक हैं. इस आर्मी की पूरी जिम्मेदारी प्रिगोझिन को सौंपी गई थी. प्रिगोझिन खुद अपराधी रह चुके हैं. वह लंबे समय तक जेल में थे. माना जाता है कि माली जैसे अफ्रीकी देश में फ्रांस का महत्व वैगनर ने ही खत्म किया. इसी तरह से सीरिया में वैगनर ने ही असद की मदद की थी.
वैगनर का आधिकारिक नाम पीएमसी वैगनर है. इसने 2014 में रूसी समर्थक विद्रोहियों की उस समय मदद की थी, जब उन्होंने पूर्वी यूक्रेन में हमला किया था. यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में सबसे पहले वैगनर को ही आगे किया गया था. वैगनर में मुख्य रूप से वैसे लड़ाके शामिल हैं, जो किसी न किसी अपराध की सजा में जेल में थे.
वैगनर की ताकत से ईर्ष्या करने लगे रक्षा मंत्री - बीबीसी के अनुसार वैगनर को पुतिन ने इतना अधिक आगे बढ़ाया कि धीरे-धीरे कर उसकी ताकत से रूस की दूसरी संस्थाएं जलने लगीं. वैगनर पुतिन के इशारे पर किसी भी देश में हस्तक्षेप करने की ताकत रखने लगा. लेकिन यह बात रूसी सेना और रक्षा मंत्री को रास नहीं आई. बल्कि ये दोनों वैगनर को अपना प्रतिद्वंद्वी मानने लगे. वैसे, पुतिन की सलाहकार टीम में प्रिगोझिन को जगह नहीं दी गई थी. यह बात वैगनर प्रमुख को अखड़ने लगी. वे रूसी रक्षा मंत्री की खुलकर आलोचना करने लगे. रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू लंबे समय से पुतिन के साथ हैं. उनका कोई सैन्य बैकग्राउंड नहीं है. वह पहले कम्युनिस्ट पार्टी में थे. प्रिगोझिन का कहना है कि जब सर्गेई को सेना का कोई अनुभव नहीं है, तो वह किस तरह से सलाहकार की भूमिका निभा सकते हैं.
सेना प्रमुख ने वैगनर का किया विरोध- रूस के सेना प्रमुख गेरासिमोव है. वह भी काफी लंबे समय से सेना प्रमुख के पद पर बने हुए हैं. गेरासिमोव को चेचनिया में विद्रोह दबाने का अनुभव है. ऐसा कहा जाता है कि वैगनर प्रमुख ने पैसे के दम पर रूसी कमांडो और बहुत सारे स्पेशल फोर्सेस के जवानों को वैगनर में शामिल कर लिया. इससे सेना प्रमुख गेरासिमोव वैगनर प्रमुख के खिलाफ हो गए. यूक्रेन युद्ध को लेकर वैगनर और सेना प्रमुख की अलग-अलग रणनीति थी.
इस खींचातानी के बीच ही यूक्रेन युद्ध की शुरुआत हो गई. पुतिन ने वैगनर को इस युद्ध में झोंका था. वैगनर के कई सैनिक इस युद्ध में मारे गए. यूक्रेन के बखमुत की लड़ाई में वैगनर प्रमुख को काफी नुकसान हुआ. इस नुकसान से प्रिगोझिन घबरा गए और वह रूसी सेना का ही विरोध करने लगे. उन्होंने रक्षा मंत्री और सेना प्रमुख दोनों को ही जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने आरोप लगाया कि वे दोनों पुतिन को बहका रहे हैं.