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Russia-Ukraine War: भारतीय दवा और उर्वरक कंपनियों की क्रेडिट रेटिंग पर होगा प्रभाव

रूस-यूक्रेन का युद्ध (Russia Ukraine War) दो सप्ताह की लड़ाई के बाद भी समाप्त होने का कोई संकेत नहीं दे रहा है. युद्ध के प्रतिकूल आर्थिक प्रभाव (adverse economic impact) दिन-ब-दिन स्पष्ट होते जा रहे हैं, क्योंकि नए प्रतिबंध और उनके बाद के प्रभाव भी सामने आने लगे हैं.

Russia Ukraine War
रूस यूक्रेन युद्ध

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Published : Mar 9, 2022, 3:12 PM IST

नई दिल्ली: रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) के प्रभावों की बात करें तो कई देशों और उनकी कंपनियों की क्रेडिट रेटिंग (credit rating of companies) पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. क्योंकि दूसरे विश्व युद्ध के बाद यूरोप में इस तरह का युद्ध नहीं हुआ. इससे कोई भी अछूता नहीं रहेगा.

फिच और मूडीज (Fitch and Moody's) जैसी सॉवरेन रेटिंग एजेंसियों ने रूस की रेटिंग को जंक कर दिया है. युद्ध का प्रभाव भारत की संप्रभु रेटिंग और भारतीय कंपनियों की रेटिंग पर भी महसूस किया जाएगा, क्योंकि युद्ध की वजह से देश के सामने गंभीर आर्थिक परिणाम होंगे. जिसमें चालू खाता घाटा और बढ़ती मुद्रास्फीति भी शामिल है.

फिच कंपनी इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (Fitch Company India Ratings & Research) द्वारा तैयार की गई एक रिपोर्ट के अनुसार फार्मास्युटिकल कंपनियों पर प्रत्यक्ष लेकिन प्रबंधनीय क्रेडिट प्रभाव पड़ेगा, जो उन क्षेत्रों में सक्रिय हैं, जहां युद्ध चल रहा है. जो उर्वरक कंपनियां सरकार से सब्सिडी प्राप्त करती हैं, वह भी प्रभावित होंगी. रिपोर्ट के अनुसार भारतीय कंपनियों की क्रेडिट रेटिंग पर रूस-यूक्रेन युद्ध का प्रभाव ज्यादातर इन दो क्षेत्रों में महसूस किया जाएगा.

इसका कारण यह है कि भारतीय दवा कंपनियों का निर्यात राष्ट्रमंडल देशों में होता है. जिसमें पूर्व सोवियत संघ के देश भी शामिल हैं. इतना ही नहीं लंबे समय तक युद्ध चला तो भारतीय फर्मों की लाभप्रदता को प्रभावित करेगा. रूस-यूक्रेन युद्ध के अलावा अमेरिका में जेनेरिक दवाओं की कीमतों पर भी दबाव बना हुआ है. जो कुछ भारतीय कंपनियों की लाभप्रदता को प्रभावित कर सकता है. एजेंसी का मानना ​​​​है कि भारतीय कंपनियों की क्रेडिट रेटिंग के लिए जोखिम न्यूनतम होगा और यह बड़े पैमाने पर छोटी संस्थाओं और क्रेडिट स्पेक्ट्रम के निचले सिरे पर सीमित होगा.

इंडिया रेटिंग्स (India Ratings) ने ईटीवी भारत को भेजे एक बयान में कहा कि कुछ क्षेत्रों में प्रभाव अधिक स्पष्ट होगा और अपेक्षाकृत कम जोखिम को देखते हुए यह क्रेडिट के दृष्टिकोण से प्रबंधनीय रहेगा. एजेंसी, संस्थाओं के अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा कर रही है और जहां भी उचित होगा रेटिंग के अनुरूप कार्रवाई करेगी. हालांकि एजेंसी ने स्पष्ट किया कि उनकी बैलेंस शीट पर कम उत्तोलन के कारण जोखिम कम होने की उम्मीद है. लेकिन लंबे समय तक व्यवधान की स्थिति में जोखिम बढ़ सकता है जो क्रेडिट को प्रभावित कर सकता है.

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विशेषज्ञों ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय रक्षा और रणनीतिक विशेषज्ञ अभी भी इस बात से अनजान हैं कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध वास्तव में कितने समय तक चलेगा और कैसे समाप्त होगा. महीनों तक चलने वाला एक लंबा संघर्ष और रूसी सेनाओं द्वारा यूक्रेनी क्षेत्रों पर निरंतर कब्जा, पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों और आपूर्ति में व्यवधान के कारण दोनों देशों और अन्य अर्थव्यवस्थाओं पर लंबे समय तक प्रतिकूल आर्थिक प्रभाव पड़ सकता है.

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