कीव: यूक्रेन में जंग ने देश की तस्वीर ही बदल कर रख दी है (russia ukraine war). बूचा में हुए नरसंहार (Bucha civilian killings) के बाद रूस की पूरी दुनिया में निंदा हो रही है. इन सबके बीच संयुक्त राष्ट्र महासभा में कुल 193 सदस्य देशों वाली महासभा ने मानवाधिकार परिषद से रूस को निलंबित करने के प्रस्ताव पर मतदान किया. जिसके बाद रूस को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से निलंबित कर दिया गया. इस प्रस्ताव के पक्ष में 93 और विरोध में 24 मत पड़े जबकि 58 देशों ने मतदान में भाग नहीं लिया. इधर, यूक्रेन ने देश के पूर्वी क्षेत्र में युद्ध के मंडराते बादलों के मद्देनजर इस क्षेत्र के निवासियों को वहां से निकल जाने की सलाह दी है और पश्चिमी देशों से एक बार फिर हथियारों की आपूर्ति की अपील की. यूक्रेन में आम लोगों पर अत्याचार की खबरों के बीच, नाटो के सदस्य देश यूक्रेन को और अधिक हथियारों की आपूर्ति करने पर सहमत हो गए हैं.
भारी तबाही की तरफ बढ़ता यूक्रेन :रूसी सेना तबाह कीव के बाहरी हिस्से से निकल गई है और वह देश के पूर्वी इलाके में हमले के लिए फिर से तैयारी कर रही है. रूस छह सप्ताह पहले किये गये आक्रमण की पृष्ठभूमि में यूक्रेन की राजधानी पर तुरंत कब्जा कर पाने और यूक्रेन की सरकार को उखाड़ फेंकने में विफल रही है. पश्चिमी देशों की मानें तो रूस का ध्यान अब पूर्वी यूक्रेन के डोनबास पर है. आशंका जताई जा रही है कि रूस पूर्वी डोनबास क्षेत्र में बड़ा हमला कर सकता है. नाटो ने एक संगठन के रूप में यूक्रेन को सैनिकों या हथियारों की आपूर्ति करने से इनकार किया है हालांकि, सदस्य देशों ने कीव को विमान रोधी और टैंक रोधी हथियार उपलब्ध कराए हैं. ब्रसेल्स में सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की एक बैठक के बाद नाटो के महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा, आज की बैठक से स्पष्ट संकेत मिला है कि सहयोगी देशों को और अधिक सहायता करनी चाहिए तथा और उपकरण देने चाहिए. स्टोलटेनबर्ग ने यह नहीं बताया कि यूक्रेन को कौन से देश किस प्रकार के उपकरण मुहैया कराएंगे. अमेरिका और यूक्रेन ने रूसी सैनिकों के इस कृत्य को युद्ध अपराध करार दिया है.उल्लेखनीय है कि रूस दूसरा देश है जिसकी यूएनएचआरसी सदस्यता छीन ली गई है. महासभा ने 2011 में लीबिया को परिषद से निलंबित कर दिया था.
बूचा नरसंहार की हो रही निंदा :बूचा नरसंहार के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (president of ukraine volodymyr zelensky) ने कहा था कि दुनिया उनके देश पर रूस को बर्बर हमला करने से रोकने में नाकाम रही. उन्होंने रूसी सैनिकों पर नागरिकों की हत्याएं करने, महिलाओं से बलात्कार करने और यातनाएं देने का भी आरोप लगाया था. इसके बाद रूस को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से निलंबित कर दिया गया. बता दें कि, मानवाधिकार परिषद में रूसी संघ की सदस्यता के निलंबन अधिकार’ शीर्षक वाले प्रस्ताव के खिलाफ 24 मत पड़े. मतदान से अनुपस्थित देशों में बांग्लादेश, भूटान, ब्राजील, मिस्र, इंडोनेशिया, इराक, मलेशिया, मालदीव, नेपाल, पकिस्तान, कतर, सउदी अरब, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका और संयुक्त अरब अमीरात भी शामिल हैं.