कीव :यूक्रेन और रूस के बीच जंग जारी है और इसी बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की का बड़ा बयान आया है. 'द कीव इंडिपेंडेंट' की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने दावा करते हुए कहा कि, वे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं. लेकिन अगर वे विफल होते हैं, तो इसका मतलब तीसरा विश्व युद्ध हो सकता है. वहीं, यूक्रेन ने रूस के उस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है जिसमें उसने मारियुपोल के लोगों से हथियार डालने की मांग की थी.
पूरी दुनिया की नजर इस वक्त इन्हीं दो देशों पर टिकी हुई हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (american president joe biden) ने मास्को को सहायता मुहैया नहीं करने के लिए बीजिंग को मनाने को लेकर चीन के नेता के साथ लंबी वार्ता की. अमेरिकी राष्ट्रपति ने चेतावनी देते हुए कहा कि चीन ने रूसियों को सैन्य या वित्तीय सहायता मुहैया करने की कोशिश की तो उसे (चीन को) गंभीर अंजाम भुगतना पड़ेगा (Biden tells xi jinping there will be consequences if china aids russias war in ukraine). वहीं, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने इजराइल से रूस के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने का अनुरोध किया है.
अमेरिका इस वक्त अपना पूरा ध्यान रूस और यूक्रेन पर लगाए हुए है. उसने मास्को को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि रूस ने यूक्रेन में रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया तो उसे कहीं अधिक अंजाम भुगतने पड़ेंगे. जंग के बीच अमेरिका में चीन के राजदूत चिन गेंग यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की निंदा नहीं करने को लेकर अपने देश का बचाव कर रहे हैं. उन्होंने कहा है कि ऐसा करने से हिंसा रुकने वाली नहीं है. गेंग ने सीबीएस के कार्यक्रम 'फेस द नेशन' में कहा कि चीन के निंदा करने से कोई फायदा नहीं होगा और उन्हें नहीं लगता कि इससे रूस पर कोई फर्क पड़ेगा.
उन्होंने कहा कि चीन रूस का पड़ोसी देश होने के नाते उससे दोस्ताना और अच्छे संबंध रखता है और उसके साथ 'सामान्य व्यापार, आर्थिक, वित्तीय व ऊर्जा सहयोग' जारी रहेगा. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने यूक्रेन में जारी युद्ध में रूस की मदद करने को लेकर पिछले सप्ताह चीन के अपने समकक्ष शी चिनफिंग को आगाह किया था. यूक्रेन भी चीन से अनुरोध कर रहा है कि वह पश्चिमी देशों और जापान की तरह रूस के आक्रमण की निंदा करे. गेंग ने रविवार को कहा कि चीन रूस को किसी भी प्रकार की सैन्य सहायता प्रदान नहीं कर रहा. उन्होंने कहा कि चीन हमेशा से युद्ध के खिलाफ रहा है.