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यूक्रेन में जंग : गुतारेस और पुतिन के बीच होगी अहम वार्ता, अमेरिका ने कहा, नाकाम हो रहा है मॉस्को

यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के दो महीने गुजरने के बाद आज संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस मास्को जाएंगे. जहां वे राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से युद्ध को लेकर अहम मसलों पर चर्चा करेंगे. जंग के बीच यूक्रेन के युद्ध शरणार्थियों की संख्या 50 लाख के पार पहुंच गई है. दूसरी तरफ युद्ध को लेकर अमेरिका को लगता है कि रूस की आगे बढ़ने की रफ्तार धीमी हुई है.यूक्रेन में 24 फरवरी से रूसी सैन्य कार्रवाई जारी है.

-russia ukraine war 62 day
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Published : Apr 26, 2022, 8:04 AM IST

Updated : Apr 26, 2022, 4:21 PM IST

कीव : जंग के बीच (26 अप्रैल) संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस आज मास्को जाएंगे (un chief antonio guterres to visit russia and ukraine). खबर के मुताबिक वे विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ बैठक तथा दोपहर का भोजन करेंगे. इसके बाद राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन उनकी मेजबानी करेंगे. बता दें कि, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस यूक्रेन में जारी युद्ध को खत्म करने के प्रयासों के तहत रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से अलग-अलग मुलाकात करेंगे. यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के दो महीने गुजरने के बाद यह बैठक होने जा रही है. रूस की यात्रा के बाद गुतारेस यूक्रेन जाएंगे. संयुक्त राष्ट्र प्रवक्ता के कार्यालय ने बताया था, 'वह 28 अप्रैल को विदेश मंत्री दमित्रो कुलेबा के साथ बैठक करने के बाद राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात करेंगे. '

गुतारेस ने इससे पूर्व ट्वीट किया था, 'अगले सप्ताह (26 अप्रैल), मैं रूस में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन में राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से मुलाकात करूंगा. हमें लोगों की जान बचाने, मानवीय संकट को खत्म करने और यूक्रेन में शांति कायम करने के लिये तत्काल कदम उठाने की जरूरत है.

युद्ध समाप्त करने को लेकर होगी चर्चा :संयुक्त राष्ट्र की प्रवक्ता एरी कानेको ने कहा कि दोनों यात्राओं पर गुतारेस का उद्देश्य उन कदमों पर चर्चा करने है जो युद्ध खत्म करने और लोगों की मदद करने के लिए अभी उठाए जा सकते हैं. बता दें, गुतारेस ने इस महीने की शुरुआत में संघर्ष विराम की संभावनाओं को तलाशने के लिए संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष मानवाधिकार अधिकारी को मास्को और कीव भेजा था. इधर, रूस यूक्रेन पर ताबड़तोड़ हमले किए जा रहा है. लोग देश छोड़कर भाग रहे हैं. वहीं, यूक्रेन ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव से आग्रह किया है कि वे मारियुपोल को खाली कराने के लिए रूस पर दबाव बनाए. दूसरी तरफ अमेरिका ने यूक्रेन के लिए गोला-बारूद की बिक्री को मंजूरी दे दी है.

यूक्रेन का संयुक्त राष्ट्र महासचिव से आग्रह : यूक्रेन के विदेश मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस से बंदरगाह शहर मारियुपोल को खाली कराने के लिए रूस पर दबाव बनाने का आग्रह किया है. यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने कहा कि वह इस बात को लेकर बेहद चिंतित हैं कि कीव की यात्रा से पहले मॉस्को का दौरा करने से संयुक्त राष्ट्र महासचिव युद्ध को लेकर रूस के झांसे में आ सकते हैं. उन्होंने कहा, कई अन्य विदेशी अधिकारी मॉस्को की यात्रा करने के बाद रूस के झांसे में फंस गए थे और रूसी कूटनीति की सर्वोच्चता दिखाने की कोशिश के तहत ही व्यवहार करने लगे. ये विदेशी अधिकारी दुनिया को बताने की कोशिश करने लगे कि रूस को लेकर कैसे व्यवहार किया जाए. दिमित्रो कुलेबा ने कहा कि गुतारेस को केवल एक ही विषय पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और वह यह कि मारियुपोल को खाली कराना है. यूक्रेन के विदेश मंत्री के मुताबिक, मारियुपोल में अभी भी करीब एक लाख लोग फंसे हुए हैं, जबकि एक स्टील संयंत्र में भी यूक्रेन के सैनिक मौजूद हैं, जो रूसी सेना के खिलाफ डटे हुए हैं.

अमेरिका ने कहा-‘नाकाम हो रहा है’ मॉस्को : शीर्ष अमेरिकी अधिकारियों ने कीव में राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ आमने-सामने की बातचीत के बाद यूक्रेन को रूस के खिलाफ लड़ाई में उसकी जीत में मदद करने का सोमवार को वचन दिया, जबकि ब्रिटेन ने कहा कि मॉस्को को अभी तक देश के पूर्वी औद्योगिक क्षेत्र में अपने हमलों में महत्वपूर्ण सफलता हासिल नहीं हुई है.

जेलेंस्की के साथ मुलाकात में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कहा कि अमेरिका ने 16.5 करोड़ डॉलर के गोला-बारूद की बिक्री को मंजूरी दी है और वह विदेशी सैन्य वित्तपोषण से 30 करोड़ डॉलर से अधिक की मदद प्रदान करेगा. उन्होंने कहा, जब रूस के युद्ध के उद्देश्यों की बात आती है, तो रूस नाकाम हो रहा है. यूक्रेन सफल हो रहा है. रूस अपने प्रमुख उद्देश्य के रूप में यूक्रेन को पूरी तरह से अपने अधीन करना, उसकी संप्रभुता को छीनना, उसकी स्वतंत्रता को छीनना चाहता है. वह विफल रहा है.

पढ़ें :यूक्रेन में रूस ने तेज किए हमले: ब्रिटेन के पीएम ने जेलेंस्की से कहा, मैं करूंगा तुम्हारी मदद

पश्चिमी रूस में तेल डिपो में आग लगी :जंग के बीच रूसी अधिकारियों ने कहा है कि पश्चिमी रूस में एक तेल डिपो में आग लग गई है. आपात स्थिति मंत्रालय ने कहा कि ब्रियांस्क शहर स्थित डिपो में सोमवार सुबह भीषण आग लग गई. तत्काल इसके कारण का पता नहीं लग पाया है. इस तेल डिपो का स्वामित्व सरकारी कंपनी ट्रांसनेफ्ट की सहायक कंपनी ट्रांसनेफ्ट-ड्रूज़बा के पास है, जो यूरोप में कच्चा तेल ले जाने वाली ड्रूज़बा (मैत्री) पाइपलाइन का संचालन करती है. यह स्पष्ट नहीं है कि क्या डिपो पाइपलाइन के बुनियादी ढांचे का हिस्सा है और क्या आग से तेल आपूर्ति प्रभावित हो सकती है.

Last Updated : Apr 26, 2022, 4:21 PM IST

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