कीव: यूक्रेन पिछले 50 दिनों से जंग की आग में झुलस रहा है (russia ukraine war). रूस उस पर ताबड़तोड़ हमले किए जा रहा है. अमेरिका सहित विश्व की कई शक्तियां यूक्रेन को सहायता प्रदान करने की दिशा में कार्य कर रही है. जंग काफी लंबा खिंच चुका है. युद्ध का सूर्य कब अस्त होगा? कैसे खूनी खेल समाप्त हो... इस पर मंथन चल रहा है. हालांकि, इस दिशा में अब तक कोई बड़ा कदम नहीं उठाया गया है. हां, इतना जरूर है कि रूस को कमजोर करने के लिए उन पर कई तरह की पाबंदियां लगाई जा रही हैं.
रूस ने यूक्रेन पर सीमावर्ती इलाकों में हवाई हमले करने का आरोप लगाया :रूसी प्राधिकारियों ने यूक्रेनी सेना पर यूक्रेन की सीमा से लगते रूस के ब्रायांस्क क्षेत्र में हवाई हमले करने का आरोप लगाया है. रूस की जांच समिति ने आरोप लगाया कि यूक्रेन के दो सैन्य हेलीकॉप्टर बृहस्पतिवार को रूस के हवाई क्षेत्र में घुसे और उन्होंने रूसी सीमा से करीब 11 किलोमीटर दूर क्लिमोवो गांव में रिहायशी इमारतों पर कम से कम छह हवाई हमले किए. उसने बताया कि गांव में कम से कम छह मकान क्षतिग्रस्त हुए और एक शिशु समेत सात लोगों को चोटें आयी हैं. इससे पहले रूस की सरकारी सुरक्षा सेवा ने बृहस्पतिवार को यूक्रेनी सेना पर बुधवार को ब्रायांस्क क्षेत्र में एक सीमा चौकी पर मोर्टार दागने का भी आरोप लगाया. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आगाह किया कि रूस से गैस आयात खत्म करने की पश्चिमी देशों की कोशिशों का उनकी अर्थव्यवस्थाओं पर नकारात्मक असर पड़ेगा.
इधर जंग की बात करें तो, रूस को बहुत बड़ा झटका लगा है. जानकारी के मुताबिक काला सागर में तैनात रूसी युद्ध बेड़े को उस वक्त बड़ा नुकसान हुआ जब एक युद्धपोत बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया और उसके चालक दल के सभी सदस्यों को सुरक्षित नीचे उतरना पड़ा. यूक्रेनी दावे के विपरीत रूस के रक्षा मंत्री ने कहा है कि मोस्कवा क्रूजर (काला सागर में रूसी बेड़े का प्रमुख पोत) पर लगी आग को नियंत्रित कर लिया गया है और यह पोत इस समय सागर में तैर रहा है.
यूक्रेन के अधिकारियों ने बताया कि उनकी सेना ने युद्धपोत पर मिसाइल से हमला किया था, लेकिन रूस का कहना है कि युद्धपोत मोस्कवा आग लगने से क्षतिग्रस्त हुआ है, उसपर कोई हमला नहीं हुआ. वहीं, पेंटागन के अधिकारियों के अनुसार, यह युद्धपोत ओडेसा से करीब 60-65 समुद्री मील की दूरी पर था, जब उसमें आग लगी और घंटों बाद भी आग पर काबू नहीं पाया जा सका है. युद्धपोत का क्षतिग्रस्त होना रूस की सेना के लिए बड़ा झटका होगा वहीं रूस के लिए यह सांकेतिक हार भी होगा.
रूस ने जापान सागर में पनडुब्बी से छोड़े जाने वाली मिसाइलों का परीक्षण किया : वहीं, जापान सरकार रूस द्वारा जापान सागर में पनडुब्बी से छोड़े जाने वाली मिसाइलों का परीक्षण करने की खबरों के बाद उसकी सैन्य गतिविधियों पर करीबी नजर रख रहा है. यूक्रेन पर हमला करने के बाद यह जापान तट पर रूसी सेना का ताजा सैन्य अभ्यास है. मिसाइल परीक्षण तब किया गया है जब एक दिन पहले अमेरिकी नौसेना की 7वीं फ्लीट और जापान समुद्री आत्म-रक्षा बल ने जापान सागर में संयुक्त नौसैन्य अभ्यास करने की घोषणा की थी. गौरतलब है कि मार्च में रूस ने उन द्वीपों पर 3,000 सैनिकों के साथ बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास किया था, जिन पर जापान अपना दावा जताता है। इन अभ्यासों का जापान ने विरोध किया था. द्वीपों पर विवाद के कारण दोनों देशों ने युद्ध के समय की अपनी शत्रुता को औपचारिक रूप से खत्म करने के लिए शांति समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं. मॉस्को ने द्वितीय विश्वयुद्ध के खत्म होने पर इन द्वीपों पर कब्जा जमा लिया था.
अमेरिका पर रूस के संबंध में यूक्रेन को अधिक खुफिया सूचनाएं देने का दबाव :अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने यूक्रेन पर रूस के युद्ध को नरसंहार बताया और व्लादिमीर पुतिन पर युद्ध अपराधों का आरोप लगाया है लेकिन उनका प्रशासन इससे जूझ रहा है कि वह यूक्रेनी सेना को कितनी खुफिया सूचनाएं दे सकते हैं. फरवरी में युद्ध शुरू होने के बाद से ही बाइडन प्रशासन ने उन गोपनीय निर्देशों में कई बदलाव किए हैं, जिसके तहत यह आता है कि अमेरिकी एजेंसियां यूक्रेन से क्या साझा कर सकती हैं. हालिया बदलाव पिछले सप्ताह किए गए जब अमेरिका के खुफिया अधिकारियों ने कार्रवाई योग्य सूचना देने पर कुछ भौगोलिक सीमाएं हटा दी. इनमें उस तरह की सूचनाएं शामिल हैं जिनका इस्तेमाल युद्ध के मैदान पर मिनटों में लिए जाने वाले फैसलों में किया जाता है.
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