कीव : रूस और यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine war) पर पूरी दुनिया की नजर है . इस वक्त पूरा विश्व इस बात को लेकर चिंतित है कि, कहीं यह जंग आगे चलकर तीसरे विश्व युद्ध में न तब्दिल हो जाए. बैठकों का दौर जारी है. अमेरिका, भारत समेत अन्य विश्व की शक्तिशाली देश इस युद्ध को रोकने का उपाय खोज रही है. अभी गुरुवार को दुनिया की शीर्ष सात अर्थव्यवस्थाओं के समूह जी-7 के विदेश मंत्रियों ने रूस से अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत के आदेश का अनुपालन करने की मांग की है जिसमें रूस को यूक्रेन पर हमले रोकने और सेना वापस बुलाने को कहा गया है. दूसरी तरफ अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को पुष्टि की कि रूस द्वारा यूक्रेनी शहर पर हुए हमले में मरने वालों लोगों में अमेरिकी नागरिक भी शामिल है.
युद्ध के बीच संयुक्त राष्ट्र (India at United Nation Emergency Meeting) की आपात बैठक में भारत ने कहा कि यूक्रेन में सामने आ रही गंभीर मानवीय स्थिति के अनुरूप, भारत आने वाले दिनों में और आपूर्ति भेजने की प्रक्रिया में है. भारत पहले ही दवाओं, राहत सहायता सहित 90 टन से अधिक मानवीय आपूर्ति भेज चुका है. संयुक्त राष्ट्र की आपात बैठक में भारत के अंब टीएस तिरुमूर्ति ने इस बात की जानकारी दी.
जी-7 समूह के शीर्ष राजनयिकों ने एक संयुक्त बयान में मारियुपोल सहित अन्य शहरों की रूसी घेराबंदी की निंदा की और हमलों को आम नागरिकों पर अंधाधुंध हमला करार दिया. उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर ‘‘बिना उकसावे के और शर्मनाक’ तरीके से युद्ध करने का आरोप लगाया जिसकी वजह से लाखों लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है और अस्पताल, थियेटर स्कूल सहित अवसंरचना को नुकसान हुआ है. जी-7 ने कहा, युद्ध अपराध के दोषियों, आम नागरिकों के खिलाफ हथियारों का अंधाधुंध इस्तेमाल करने वालों को जिम्मेदार ठहराया जाएगा. वहीं, एक यूक्रेनी अधिकारी के अनुसार रूस की सेना ने वेलीकोबुर्लुत्स्का के मेयर को अपने कब्जे में ले लिया है.
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