नई दिल्ली : जल पर युद्ध और उसके प्रभाव मानव इतिहास के आवर्ती विषय (recurring theme in human history) रहे हैं. पानी को लेकर हुई लड़ाई का सबसे प्रमुख उदाहरण कर्बला की लड़ाई है. लगभग 1,400 साल पहले सऊदी अरब में कर्बला की लड़ाई (battle of Karbala in Saudi Arabia) हुई थी. इस युद्ध में पैगंबर मुहम्मद के पोते हुसैन ने उम्मायद खलीफा यज़ीद (Ummayid Caliph Yazid) की सेना के खिलाफ लड़ाई में शहादत दी थी. इसके बाद खलीफा वंश को उखाड़ फेंकने का मार्ग प्रशस्त हुआ.
वर्तमान में पानी को लेकर एक और युद्ध रूस और यूक्रेन की सीमाओं पर होने की आशंका है. यह स्थान कर्बला से लगभग 4,000 किमी दूर है. रूस ने यूक्रेन से लगी सीमा पर लगभग 1,00,000 सैनिक और विशाल सैन्य साजो-सामान तैनात किए हैं. अमेरिकी सरकार ने रविवार को यूक्रेन की राजधानी कीव स्थित दूतावास के कर्मचारियों को निकलने का आदेश दिया है. ऐसे हालात में चौतरफा युद्ध का खतरा (imminence of an all-out war) मंडरा रहा है.
सोमवार को, यूके ने यूक्रेन के संदर्भ में एक यात्रा परामर्श जारी किया. इसमें कहा गया रूस से बढ़ते खतरे के मद्देनजर कुछ दूतावास कर्मचारियों और आश्रितों को कीव से वापस बुलाया जा रहा है. इससे पहले शनिवार को, अमेरिकी विदेश विभाग ने घोषणा की थी, हम यूक्रेन की अग्रिम पंक्ति के रक्षकों के लिए गोला-बारूद सहित नई घातक रक्षात्मक सुरक्षा सहायता के साथ यूक्रेन की सहायता कर रहे हैं.
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