नई दिल्ली : रूस (Russia) और यूक्रेन (Ukraine) के बीच युद्ध की आशंका के बीच तनाव अपने चरम पर है. दोनों देशों की सेनाएं एक महीने से अधिक समय से मोर्चे पर डटी हैं. बीते दिनों में रूस ने यूक्रेन की सीमा पर फौज की तादाद बढ़ा दी है. युद्ध के खतरे के बीच यूक्रेन में पढ़ाई कर रहे हजारों भारतीय छात्र परेशान हैं. कीव में भारतीय दूतावास ने अपने नागरिकों, विशेष रूप से ऐसे छात्रों को देश छोड़ने की सलाह दी है, मगर फ्लाइट की कमी और महंगे टिकट के कारण वे भारत नहीं लौट नहीं पा रहे हैं. छात्रों के परिवारों ने भी भारत सरकार से उनके बच्चों को एयरलिफ्ट करने की अपील की है.
20 हजार स्टूडेंट कर रहे हैं यूक्रेन में पढ़ाई
रिपोर्टस के मुताबिक, यूक्रेन में करीब 18 से 20 हजार भारतीय छात्र यूक्रेन में इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं. इनमें बिहार, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, आंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब समेत कई राज्यों के छात्र शामिल हैं. उत्तर प्रदेश के रामपुर निवासी सुभान अहमद भी यूक्रेन में मेडिसिन की पढ़ाई कर रहे हैं. उनके पिता जलीस अहमद ने बताया कि उनका बेटा उजहोरोड में नेशनल यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है. उसे घर में ही रहने की हिदायत दी गई है.
उनके बेटे के संपर्क में रामपुर के 20 और बरेली के 50 छात्र यूक्रेन में फंसे हैं. कीव में भारतीय दूतावास ने मंगलवार को भारतीय छात्रों से गैर जरूरी यात्रा से बचने और अस्थायी तौर से यूक्रेन छोड़ने का आग्रह किया था. मगर फ्लाइट संचालित करने वाली कंपनी टिकट के लिए मुंहमांगी रकम मांग रही है, जिसे देना संभव नहीं है. उन्होंने भारत सरकार से छात्रों को एयरलिफ्ट कराने की मांग की .