नई दिल्ली : विदेश मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि पहला परामर्श जारी होने के बाद से युद्धग्रस्त यूक्रेन की सीमा से करीब 17,000 भारतीय निकल गए हैं. मंत्रालय ने बताया कि यूक्रेन से भारतीयों को देश वापस लाने को लेकर चलाए जा रहे आपरेशन गंगा अभियान के तहत पिछले 24 घंटे में छह उड़ाने भारत पहुंच चुकी हैं और अब तक कुल 15 उड़ाने आ चुकी हैं.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने संवाददाताओं से कहा, 'स्थिति कठिन है लेकिन हम हर भारतीय को देश वापस लाएंगे.' उन्होंने कहा कि रूसी पक्ष से मिली सूचना के आधार पर यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने तत्काल अपने सभी नागरिकों से खारकीव छोड़ने को कहा है. उन्होंने कहा कि हम सभी भारतीयों से तत्काल खारकीव छोड़कर सुरक्षित स्थानों या पश्चिम की ओर तत्काल बढ़ने का आग्रह करते हैं. उन्होंने कहा कि रूसी पक्ष से मिली सूचना के आधार पर यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने तत्काल अपने सभी नगरिकों से खारकीव छोड़ने को कहा है.
प्रवक्ता ने कहा कि अगले 24 घंटे मे 15 उड़ाने निर्धारित की गई हैं जिनमें से कुछ रास्ते में हैं. उन्होंने बताया कि भारतीय वायु सेना का एक विमान आज रात भारत पहुंचेगा. बागची ने कहा कि भारत की ओर से यूक्रेन के लिये मानवीय सहायता भी भेजी जा रही है जिनमें दवाएं, चिकित्सा उपकरण, टेंट, कंबल, सौर उपकरण आदि शामिल हैं. उन्होंने बताया कि इसमें 2 टन चिकित्सा सहायता के साथ पहली खेप कल रवाना कर दी गई और तीन और खेप भेजी जाएंगी.
उन्होंने आगे कहा कि कीव में दूतावास को भारतीय नागरिकों द्वारा सीमा पार करने की सुविधा के लिए लवीव में एक अस्थायी कार्यालय स्थापित करने के लिए कहा गया है. बागची ने कहा कि भारतीय पासपोर्ट खोने वालों को आपातकालीन प्रमाणपत्र जारी करने के लिए एक तंत्र स्थापित किया गया है, जिससे कई भारतीय छात्रों को मदद मिलेगी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि इस उद्देश्य के लिए हमारी दूतावास टीम का पर्याप्त खंड अब लवीव में है.