नई दिल्ली : अमेरिका की यूनिफाइड कोऑर्डिनेशन ग्रुप (यूसीजी)ने एक बयान जारी कर पुष्टि की है कि अमेरिका सरकार के विभागों एवं निगमों में हैकिंग के लिए संभवत: रूस जिम्मेदार है. सुरक्षा एजेंसियों ने एक संयुक्त बयान में कहा है कि ऐसा प्रतीत होता है कि ये हैकिंग 'खुफिया सूचना एकत्रित' करने की मंशा से की गई है.
16 दिसंबर, 2020 को यूजीसी की स्थापना की गई थी. इसमें अंतर्गत संघीय जांच ब्यूरो (FBI), साइबर सुरक्षा और बुनियादी ढांचा सुरक्षा एजेंसी (CISA), राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (NSA), राष्ट्रीय खुफिया विभाग शामिल हैं. यूसीजी को विशेष रूप से अमेरिकी साइबर सिस्टम की हैक की जांच के लिए स्थापित किया गया है.
मार्च 2020 के बाद से अमेरिका में बड़े पैमाने पर साइबर हमले हो रहे है, जो 250 अमेरिकी सरकारी एजेंसियों और प्रौद्योगिकी कंपनियों को प्रभावित कर रहा है.
बयान में कहा गया है कि साक्ष्य अमेरिका सरकार के संचालनों को नुकसान पहुंचाने या बाधित करने के बजाय खुफियागीरी के प्रयासों की तरफ इशारा करते हैं. एफबीआई तथा अन्य जांच एजेंसियों पर आधारित साइबर कार्य समूह की ओर से मंगलवार को जारी एक बयान में कहा गया है कि 'यह एक गंभीर मामला है जिसे सुधारने लिए निरंतर और समर्पित प्रयास की आवश्यकता होगी.
हैकिंग का यह मामला देश में अब तक की सबसे खराब साइबर जासूसी का मामला है जहां हैकर्स पिछले सात महीने से सरकारी एजेंसियों, रक्षा ठेकेदारों और दूर संचार कंपनियों के क्रिया-कलापों पर निगाह रख रहे थे. विशेषज्ञों का कहना है कि विदेशी एजेंटों को डेटा एकत्र करने के लिए पर्याप्त समय दिया गया जो कि अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अत्यधिक हानिकारक हो सकता है
यूसीजी ने कहा कि यह इंगित करता है कि Advanced Persistent Threat (APT) actor, जो मूल रूप से रूसी है, हाल ही में खोजे गए और सभी सरकारी और गैर-सरकारी नेटवर्क के साइबर समझौता के लिए जिम्मेदार है. इस समय, हम मानते हैं कि यह एक खुफिया प्रयास था.