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Russia's Luna 25 spacecraft crashed : रूस के मून मिशन को झटका, टचडाउन से पहले क्रैश हुआ लूना 25 - लूना 25 क्रैश

रूस ने अपने चंद्रमा पर जाने वाले लूना-25 अंतरिक्ष यान पर एक असामान्य स्थिति की सूचना दी, जिसे इस महीने की शुरुआत में लॉन्च किया गया था (Russia's Luna 25 spacecraft crashed ).

Russias Luna 25 spacecraft has crashed into the moon
रूस के मून मिशन को झटका

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Published : Aug 20, 2023, 3:04 PM IST

Updated : Aug 20, 2023, 3:56 PM IST

नई दिल्ली: रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस ने रविवार को कहा कि रूस का लूना-25 अंतरिक्ष यान अनियंत्रित कक्षा में घूमने के बाद चंद्रमा से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया है (Russia's Luna 25 spacecraft crashed).

47 वर्षों में लूना-25 रूस का पहला चंद्रमा मिशन था. यह घटनाक्रम रोस्कोस्मोस द्वारा लूना-25 को लैंडिंग से पहले की कक्षा में शंट करने में समस्या की सूचना देने के एक दिन बाद आया है. रोस्कोस्मोस ने एक बयान में कहा, 'उपकरण एक अप्रत्याशित कक्षा में चला गया और चंद्रमा की सतह से टकराव के परिणामस्वरूप अस्तित्व में नहीं रहा.'

एजेंसी ने कहा कि एक 'असामान्य स्थिति' उत्पन्न हुई जब मिशन कंट्रोल ने 21 अगस्त के लिए नियोजित टचडाउन से पहले शनिवार को 11:10 GMT पर विमान को प्री-लैंडिंग कक्षा में ले जाने की कोशिश की.

रोस्कोस्मोस ने कहा, 'ऑपरेशन के दौरान, स्वचालित स्टेशन पर एक असामान्य स्थिति उत्पन्न हुई, जिसने निर्दिष्ट मापदंडों के साथ अभ्यास करने की अनुमति नहीं दी.' अंतरिक्ष यान सोमवार को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला था, जो भारतीय अंतरिक्ष यान से पहले पृथ्वी के उपग्रह पर उतरने की दौड़ में था.

चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव वैज्ञानिकों के लिए विशेष रुचि रखता है, जो मानते हैं कि स्थायी रूप से छाया वाले ध्रुवीय क्रेटरों में पानी हो सकता है.चट्टानों में जमे पानी को भविष्य के खोजकर्ता हवा और रॉकेट ईंधन में बदल सकते हैं.

इससे पहले शनिवार को रूसी अंतरिक्ष यान ने अपना पहला रिजल्ट प्रस्तुत किया. हालांकि रोस्कोस्मोस ने कहा कि जानकारी का विश्लेषण किया जा रहा है, एजेंसी ने बताया कि प्राप्त प्रारंभिक आंकड़ों में चंद्र मिट्टी के रासायनिक तत्वों के बारे में जानकारी थी और इसके उपकरण ने एक माइक्रोमेटोराइट प्रभाव दर्ज किया था.

10 अगस्त को लॉन्च किया गया था लूना 25 :सुदूर पूर्व में रूस के वोस्तोचन अंतरिक्ष बंदरगाह से लूना-25 यान का 10 अगस्त को प्रक्षेपण किया गया था. 1976 के बाद से ये रूस का पहला प्रक्षेपण था. इससे पहले वह सोवियत संघ का हिस्सा था. रूसी चंद्र लैंडर के 21 से 23 अगस्त के बीच चंद्रमा पर पहुंचने की उम्मीद थी.

तीन देश ही चंद्रमा पर सफल लैंडिंग कर सके हैं :चंद्रमा पर केवल तीन देश सोवियत संघ, संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन ही सफल लैंडिंग कर सके हैं. भारत और रूस का लक्ष्य चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सबसे पहले उतरने का है. रोस्कोस्मोस ने कहा कि वह दिखाना चाहता है कि रूस एक ऐसा राज्य है जो चंद्रमा पर पेलोड पहुंचाने में सक्षम है, और यह सुनिश्चित करना चाहता है कि रूस चंद्रमा की सतह तक पहुंच की गारंटी दे. यूक्रेन पर आक्रमण के बाद रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों से देश के लिए पश्चिमी प्रौद्योगिकी तक पहुंच कठिन हो गई है, जिससे उसके अंतरिक्ष कार्यक्रम पर असर पड़ा है.

विश्लेषकों का कहना है कि लूना-25 शुरू में एक छोटे चंद्रमा रोवर को ले जाने के लिए था, लेकिन बेहतर विश्वसनीयता के लिए यान के वजन को कम करने के लिए उस विचार को छोड़ दिया गया था.

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(एक्स्ट्रा इनपुट एजेंसी)

Last Updated : Aug 20, 2023, 3:56 PM IST

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