दिल्ली

delhi

By

Published : Feb 25, 2022, 5:49 PM IST

ETV Bharat / bharat

Russia Ukraine Crisis : यूएनएससी में आने वाले प्रस्ताव पर रूस ने भारत का समर्थन मांगा

यूक्रेन पर हमले के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रूस के खिलाफ प्रस्ताव लाया जा रहा है. रूस ने इस प्रस्ताव पर भारत से समर्थन मांगा है. भारत ने अभी तक अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की है. भारत ने कहा है कि वह इस प्रस्ताव के ड्राफ्ट पर विचार कर रहा है. हालांकि, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रूस वीटो पावर का प्रयोग कर प्रस्ताव को बेअसर करने का प्रयास कर सकता है.

russian president vladimir putin
रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन

नई दिल्ली : रूस ने भारत से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में लाए जाने वाले प्रस्ताव पर समर्थन मांगा है. रूस की ओर से कहा गया है कि यूक्रेन पर हुए हमारे हमले के खिलाफ सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव लाया जा रहा है, इसलिए हम इस मुद्दे पर भारत से समर्थन की उम्मीद करते हैं. भारत इस मामले पर क्या रूख अपनाएगा, अभी तक स्पष्ट नहीं है. भारत ने कहा है कि वह इस प्रस्ताव के ड्राफ्ट पर विचार कर रहा है.

विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला (Foreign Secretary Harsh Vardhan Shringla) ने रूस की सैन्य कार्रवाई पर यूएनएससी में प्रस्ताव को लेकर कहा, भारत पूरे प्रस्ताव को देखने के बाद अंतिम फैसला करेगा. दरअसल, यूक्रेन और रूस के संकट को लेकर संयुक्त राष्ट्र में भी गतिविधियां देखी जा रही हैं. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में रूसी मिलिट्री ऑपरेशंस को लेकर प्रस्ताव लाया जाएगा. इस प्रस्ताव पर भारतीय समयानुसार 26 फरवरी की मध्यरात्रि में (रात करीब 1.30 बजे) मतदान होगा. हालांकि, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रूस वीटो पावर का प्रयोग कर प्रस्ताव को बेअसर करने का प्रयास कर सकता है.

अभी तक भारत ने न तो रूस और न ही यूक्रेन के पक्ष में कुछ कहा है. गुरुवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जरूर रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन से फोन पर बात की. इसमें प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों को सुरक्षित निकालने को लेकर चर्चा की. पीएम ने युद्धरत देशों के बीच राजनयिक प्रयासों को लेकर भी उनसे बात की. विदेश मंत्रालय ने बताया कि मोदी ने पुतिन से हिंसा समाप्त करने की अपील की. पुतिन ने पीएम मोदी से कहा कि विश्वास और भरोसा का होना बहुत जरूरी है.

रूस के चार्ज द अफेयर्स (प्रभारी) रोमन बाबुश्किन ने कहा कि यूक्रेन में वर्तमान स्थिति कैसे उत्पन्न हुई है, इसके बारे में भारत को गहरी समझ है और दोनों देशों के बीच विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त सामरिक गठजोड़ के मद्देनजर मास्को, नई दिल्ली से सतत समर्थन को लेकर आशान्वित है. बाबुश्किन ने कहा कि वर्तमान स्थिति और इसके कारणों के बारे में भारत की गहरी समझ की हम काफी सराहना करते हैं. हम उम्मीद करते हैं कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत, रूस का समर्थन करेगा.

भारत के रूख की सराहना करते हुए रूसी राजनयिक ने तीन दिन पहले पेरिस में विदेश मंत्री एस जयशंकर की टिप्पणियों का उल्लेख किया जिसमें उन्होंने कहा था कि यूक्रेन की स्थिति की जड़ें सोवियत बाद की राजनीति एवं उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन के विस्तार में निहित हैं. बाबुश्किन ने कहा कि भारत का रूख काफी संतुलित और स्वतंत्र है. हम इसकी सराहना करते हैं और हम दोनों देशों के बीच विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त सामरिक गठजोड़ के अनुरूप भारत के समर्थन की उम्मीद करते हैं.

वहीं, यूक्रेन संकट पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के मसौदा प्रस्ताव के बारे में पूछे जाने पर विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला ने बृहस्पतिवार को कहा था कि मुझे बताया गया है कि इसमें काफी बदलाव होगा. हम इस पर अपना रुख रखने से पहले इसके आकार लेने का इंतजार करेंगे. उन्होंने कहा था, 'संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का सदस्य होने के नाते और ऐसा देश होने के नाते, जिसका उस क्षेत्र में काफी कुछ दांव पर लगा है, जिसके अनेक नागरिक संवेदनशील क्षेत्रों में हैं, हम सभी संबंधित पक्षों के निकट संपर्क में हैं.' विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक दिन पहले रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लॉवरोव और अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से अलग अलग बातचीत की और इस बात पर जोर दिया कि यूक्रेन संकट के समाधान के लिये बातचीत और कूटनीति सबसे अच्छा रास्ता है.

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की ताजा स्थिति

यूक्रेन के शहरों और सैन्य ठिकानों पर हवाई हमले करने और तीन तरफ से सैनिकों और टैंकों को भेजने के बाद शुक्रवार को रूसी बल राजधानी कीव के बाहरी इलाकों तक पहुंच गए. राजधानी कीव में धमाकों की कई आवाजें सुनी गयीं. रूसी सैनिकों ने दूसरे दिन भी हमले जारी रखे हैं. इस बीच पश्चिमी नेताओं ने एक आपातकालीन बैठक बुलाई है. यूक्रेन के राष्ट्रपति ने एक ऐसे हमले को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय मदद की गुहार लगाई जो उनकी लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को गिरा सकता है, बड़े पैमाने पर इसमें लोग हताहत हो सकते है और वैश्विक अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंच सकता है.

यूक्रेन की सेना का कहना है कि रूसी बलों को कीव से लगभग पांच किलोमीटर (तीन मील) की दूरी पर देखा गया है, वे हमले के लिए यूक्रेन की राजधानी की ओर बढ़ रहे हैं. पुलिस ने लोगों से शहर में एक मेट्रो स्टेशन से बाहर नहीं निकलने के लिए कहा क्योंकि इलाके में गोलियां चल रही हैं. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने कहा कि कीव की घेराबंदी हो सकती है. अमेरिकी अधिकारियों का मानना ​​है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा अपने स्वयं का शासन स्थापित करने का यह एक निर्लज्ज प्रयास है. यूक्रेन के खिलाफ बड़े सैन्य अभियान की घोषणा करते हुए पुतिन ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा एवं प्रतिबंधों को नजरंदाज किया और अन्य देशों को चेतावनी दी कि रूसी कार्रवाई में किसी प्रकार के हस्तक्षेप के प्रयास के ऐसे परिणाम होंगे, जो उन्होंने कभी नहीं देखे होंगे.

इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने वैश्विक नेताओं से पश्चिमी सहयोगियों द्वारा रूस पर, लगाए गए प्रतिबंधों से भी अधिक गंभीर प्रतिबंध लगाने और अपने देश के लिए रक्षा सहायता की अपील की. जेलेंस्की ने कहा कि यदि आप अभी हमारी मदद नहीं करते हैं, यदि आप यूक्रेन को एक मजबूत सहायता प्रदान करने में विफल रहते हैं, तो कल युद्ध आपके दरवाजे पर दस्तक देगा. शुक्रवार को तड़के कीव में हवाई हमले के सायरन बजते ही, शहर के एक होटल के मेहमानों को भूतल में एक अस्थायी आश्रय स्थल पर जाने को कहा गया. कर्मचारियों, सभी स्थानीय विश्वविद्यालय के छात्रों ने मेहमानों को चाय और कुछ खाद्य सामग्री दी.

इन कर्मचारियों में से एक लुसी वाशाका (20) ने कहा कि हम सभी डरे हुए और चिंतित हैं. हम नहीं जानते कि अब क्या करना है, कुछ दिनों में क्या होने वाला है. यूक्रेन के अधिकारियों और अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि रूसी सेनाएं क्रीमिया (जिस पर 2014 में रूस ने कब्जा कर लिया था) के दक्षिणी हिस्से से पूर्व में यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव और बेलारूस से देश के उत्तरी भाग में लगातार हमला कर रही हैं. यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि रूस के हमले में अभी तक 10 सैन्यकर्मियों समेत 137 नागरिक मारे गए हैं. उनके एक सलाहकार ने कहा कि लगभग 400 रूसी सैनिक मारे गए हैं. मास्को ने हालांकि हताहतों की संख्या नहीं बताई है. किसी भी दावे को स्वतंत्र रूप से सत्यापित नहीं किया जा सका है.

राजधानी शहर पर रूसी हमले के डर से, रात होते ही हजारों लोग भूमिगत हो गए, और कीव के मेट्रो स्टेशनों में चले गये। कुछ ने अस्थायी बंकरों में रात बिताई. रूस का कहना कि वह शहरों को निशाना नहीं बना रहा है, लेकिन पत्रकारों ने कई नागरिक क्षेत्रों में तबाही देखने का दावा किया है. कीव के मेयर विताली क्लित्स्को ने कहा कि एक रॉकेट के कारण शुक्रवार को शहर में एक बहुमंजिला अपार्टमेंट की इमारत में आग लग गई. यूक्रेनी सेना ने शुक्रवार को कीव के उत्तर-पश्चिम में लगभग 60 किलोमीटर (40 मील) इवांकीव के निकट लड़ाई की सूचना दी. रूसी सेना ने स्पष्ट रूप से उत्तर से राजधानी की ओर बढ़ने की कोशिश की है. रूसी सैनिकों ने रूस के साथ लगती सीमा के निकट सुमी शहर में भी प्रवेश किया, जो पूर्व से कीव की ओर जाने वाले राजमार्ग पर है. अंतिम सूचना मिलने तक रूसी बल इसके और नजदीक पहुंच गये हैं.

अधिकारियों ने बताया कि लड़ाई में कीव से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर उत्तर-पश्चिम में स्थित इवांकीव में नदी पर बना एक पुल शुक्रवार की सुबह नष्ट हो गया. यूक्रेन में गृह मंत्रालय के सलाहकार एंतोन गेराशेंको ने टेलीग्राम पर कहा, 'आज का दिन सबसे कठिन होगा. दुश्मन की योजना टैंक के जरिये इवांकीव और चेर्निहाइव के रास्ते कीव में दाखिल होने की है. हमारी एटीजीएम (एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल) की चपेट में आने पर रूसी टैंक जलकर खाक हो जाते हैं.'

राष्ट्रपति के सलाहकार मायहेलो पोडोलीक ने एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि आक्रमण शुरू होने के कुछ घंटों बाद, रूसी सेना ने चेर्नोबिल परमाणु संयंत्र पर कब्जा कर लिया. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि अगर पुतिन उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) देशों में घुसेंगे, तो अमेरिका हस्तक्षेप करेगा. बाइडन ने कहा कि अगर उनके रूसी समकक्ष को अभी नहीं रोका गया, तो उनका हौसला बढ़ेगा. ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि उन्होंने ब्रिटेन के वित्तीय बाजारों के जरिये रूस को अलग-थलग करने का लक्ष्य रखा है. उन्होंने कहा कि प्रतिबंधों की घोषणा की गई है और सभी बड़े रूसी बैंकों की संपत्तियों को फ्रीज कर दिया गया है.

ये भी पढे़ं :यूक्रेन में रूस के हमले से कभी न भूलने वाली तबाही, देखिए युद्ध के भयावह मंजर

ABOUT THE AUTHOR

...view details