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रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के बीच पुतिन के मुकाबले सुर्खियाें में छाए हैं जेलेंस्की

रूस और यूक्रेन के बीच पिछले पांच दिनों से युद्ध जारी है परंतु यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की, जो पूर्व में हास्य अभिनेता थे, ने रूस के पूर्व केजीबी अधिकारी और वर्तमान राष्ट्रपति पुतिन के मुकाबले खूब सुर्खियों में हैं. सोमवार को फिर से जेलेंस्की ने दुनिया को यह कह कर चौका दिया यदि रूस के सैनिक जो इन दिनों युद्धबंदी हैं अर्थात यूक्रेन की हिरासत में हैं यदि वो चाहें तो उनको रूसी सैनिकों के खिलाफ युद्ध लड़ने के रिलीज किया जा सकता है.

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की

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Published : Feb 28, 2022, 2:57 PM IST

Updated : Feb 28, 2022, 7:07 PM IST

हैदराबाद:यूक्रेन के राष्ट्रपति बनने से पहले, वोलोदिमीर जेलेंस्की एक हास्य अभिनेता थे. वहीं दूसरी तरफ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन रूस की खुफिया एजेंसी से अपने करियर की शुरुआत कर 1998 में तत्कालीन रूस के राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन द्वारा रूस के प्रधानमंत्री के पद पर नियुक्त किए गए. 2019 में उन्होंने राष्ट्रपति का चुनाव लड़ा और जीत गए. हालांकि उन्हें कभी चुनाव जीतने की उम्मीद नहीं थी. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के खिलाफ फरवरी 24 की मध्य रात्रि में युद्ध की घोषणा की और कीव सहित उस देश को तीन तरफ से हवाई अड्डों और मिसाइलों और बमों से निशाना बनाना शुरू कर दिया. सोमवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने रूस के युद्धबंदी सैनिकों को ऑफर दिया है कि यदि वे रूसी सैनिकों के खिलाफ हथियार उठाने के लिए तैयार हैं तो उन्हें तत्काल ही रिलीज किया जा सकता है

44 साल के यूक्रेनी राष्ट्रपति, जिन्होंने वैश्विक समर्थन मांगा, अब तीन दशक पहले शीत युद्ध की अंत के बाद से सबसे बड़ी सैन्य चुनौती का सामना कर रहे हैं. अमेरिका और अन्य देशों के आह्वान के बावजूद रूसी सैनिकों ने यूक्रेन की राजधानी को घेर लिया. विश्व ने देखा कि रूस अपने 150,000 से ज्यादा सैनिकों के साथ यूक्रेन पर सीधा हमला बोल रखा है. अपने आपको घिरता देखने के बावजूद अमेरिका द्वारा सुरक्षित निकासी के आश्वासन को अस्वीकर कर दिया और आज अपने सैनिकों के साथ रहकर उनका मनोबल बढ़ाते हुए देखे जा रहे हैं. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि रूस की अपनी तैयारी काफी पहले करने के बावजूद भी यूक्रेन के राष्ट्रपति के हौसले को तोड़ नहीं पाया और इसीका परिणाम है कि अपने परमाणु हथियार बल को एलर्ट मोड पर रखा है.

इसके कारण क्या हैं?

एक नाटकीय गतिरोध में, राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने रूस को पूर्व में दो विद्रोही गणराज्यों - डोनेट्स्क और लुगांस्क को स्वतंत्र घोषित करते हुए देखा. इसके बाद उनके देश पर चौतरफा हमला हुआ, जब राष्ट्रपति पुतिन ने सैन्य अभियान की पुष्टि की. जबकि यूक्रेन के राष्ट्रपति ने अपने पश्चिमी सहयोगियों से अपील की और यूरोपीय देशों को एकजुट होने का आह्वान भी किया. भारत में तैनात यूक्रेन के राजदूत इगोर पोलिखा ने स्थिति को नियंत्रण में करने में पीएम मोदी का समर्थन भी मांगा है.

मीडियाकर्मियों के साथ बातचीत में, युक्रेन के राजदूत ने स्पष्ट रूप से कहा कि नई दिल्ली स्थिति को नियंत्रित करने में मदद करने के लिए मास्को के साथ अपनी निकटता का उपयोग करे. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन गिने-चुने नेताओं में हैं जिनकी बात राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सुनते हैं. इसी बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से बात करने के बाद राष्ट्रपति जेलेंस्की ने मार्शल लॉ लगा दिया.

राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने कैसे सुर्खियों में आए?

अपने एक कॉमेडी शो में उन्होंने एक खराब स्कूल शिक्षक की भूमिका निभाई, जो एक छात्र के भ्रष्टाचार के खिलाफ उसके बयान को रिकॉर्ड करने और उसे ऑनलाइन अपलोड करने के बाद राष्ट्रपति बन जाता है. यह शो उस समय बड़ा हिट हुआ जब यूक्रेन बदलाव की मांग कर रहा था. साल 2014 में यूक्रेन की यूरोपीय संघ समर्थक क्रांति क्रेमलिन समर्थित नेता को हटाने में कामयाब रही. पश्चिम द्वारा समर्थित एक नई टीम को लाया गया और उसे पूर्व में एक सर्पिल संघर्ष और पतन की ओर बढ़ रही अर्थव्यवस्था से निपटना पड़ा. टेलीविजन पर वह कॉमिक शो जिसमें उस देश के वर्तमान नेता अपनी पत्नियों के साथ भद्दे मजाक कर रहे थे और दहशत की नजर से शो को बेच दिया. इसने यूक्रेन की स्थानीय आबादी का ध्यान आकर्षित किया और राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने उस समय के एक अभिनेता के रूप में उनका भाग्योदय हुआ. 2019 के चुनावों में उन्होंने अपने विपक्षी उम्मीदवार पेट्रो पोरोशेंको को लगभग 70 प्रतिशत वोटों के अंतर से हराया जो उस समय हर तरफ से एक बड़े संकट में फंस गए थे. उनके चुनाव के बाद हुई आलोचना और अन्य सेलिब्रिटी राजनेताओं के साथ प्रतिकूल तुलना के कारण यूक्रेनियन के नागरिकों को इसकी उम्मीद नहीं थी.

वर्तमान में राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की पश्चिमी दुनिया और रूस दोनों के दबाव में है. यूक्रेन का नाटो में शामिल होने का सपना और रूस के साथ मौजूदा गतिरोध उनके राष्ट्रपति पद के लिए सबसे बड़ी चुनौती है. जब वे सत्ता में आए तो उन्होंने अलगाववादी संघर्ष को रोकने के प्रयास में रूसी नेता के साथ संवाद करने की कोशिश की जिसमें 14,000 से अधिक लोगों की जान गई थी. दोनों ने एक बैठक की जिसे उस समय राष्ट्रपति पुतिन द्वारा एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा गया था. यूक्रेन के नेता संतुष्ट नहीं थे और इससे रूस और यूक्रेन के संबंधों में गिरावट आई.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन

वहीं उक्रेन के खिलाफ युद्ध का ऐलान करने वाले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने केजीबी के अधिकारी के रूप में 15 साल की सेवा की, जिसमें पूर्वी जर्मनी के ड्रेसडेन में छह साल शामिल थे. 1990 में वह लेफ्टिनेंट कर्नल के पद के साथ सक्रिय केजीबी सेवा से सेवानिवृत्त हुए. इसके बाद पुतिन सेंट पीटर्सबर्ग के पहले लोकतांत्रिक रूप से चुने गए मेयर सोबचक के सलाहकार बने. उसने जल्दी से सोबचक का विश्वास जीता और काम करने की अपनी क्षमता के लिए जाना जाने लगा. 1994 तक वे प्रथम उप महापौर के पद तक पहुंचे थे.

जुलाई 1998 में राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन ने पुतिन को KGB का निदेशक बनाया और इसके तुरंत बाद वे प्रभावशाली सुरक्षा परिषद के सचिव बन गए. तत्कालीन राष्ट्रपति येल्तसिन, जो अपना पद संभालने के लिए उत्तराधिकारी की तलाश कर रहे थे, ने 1999 में पुतिन को प्रधान मंत्री नियुक्त किया. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एक जूडो ब्लैक बेल्ट, मार्शल आर्ट के अलावा अपने आक्रामकता के लिए जाने जाते हैं

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Last Updated : Feb 28, 2022, 7:07 PM IST

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