श्रीनगर:प्रतिबंधित जेकेएलएफ के सरगना यासीन मलिक ने बुधवार को जम्मू में एक सीबीआई अदालत से कहा कि वह पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबिया सईद के अपहरण से जुड़े मामले में प्रत्यक्ष रूप से पेश होकर गवाहों से खुद जिरह करना चाहता है. मलिक ने कहा कि इसकी अनुमति नहीं मिलने पर वह भूख हड़ताल करेगा. अधिकारियों ने बताया कि आतंकी वित्तपोषण के एक मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा मलिक वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये अदालत के समक्ष पेश हुआ और कहा कि उसने अदालत में प्रत्यक्ष रूप से पेश होने की अनुमति के लिए सरकार को पत्र लिखा है.
उन्होंने कहा कि मलिक ने अदालत को यह भी सूचित किया कि उसने गवाहों से खुद जिरह करने का अनुरोध किया है और यदि सरकार ने अनुरोध स्वीकार नहीं किया तो वह भूख हड़ताल पर बैठेगा. अधिकारियों ने बताया कि मलिक ने अदालत से कहा कि वह 22 जुलाई तक सरकार के जवाब का इंतजार कर रहा है और अनुमति न मिलने पर वह अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू करेगा.
मई में दिल्ली स्थित विशेष एनआईए अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद से यासीन मलिक उच्च सुरक्षा वाली तिहाड़ जेल में बंद है. उसे 2017 के आतंकी वित्तपोषण मामले के सिलसिले में 2019 की शुरुआत में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा गिरफ्तार किया गया था. वर्तमान मामला आठ दिसंबर, 1989 को जेकेएलएफ द्वारा रुबिया सईद का अपहरण किए जाने से संबंधित है. भारतीय जनता पार्टी समर्थित तत्कालीन वी. पी. सिंह सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जकेएलएफ) के पांच आतंकवादियों को रिहा किए जाने के बाद 13 दिसंबर को अपहर्ताओं ने रुबिया को मुक्त कर दिया था.
यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया था और मलिक को 2019 में एनआईए द्वारा पकड़े जाने के बाद यह मामला पुनर्जीवित हो गया था. पिछले साल जनवरी में सीबीआई ने विशेष सरकारी वकीलों मोनिका कोहली और एस. के. भट्ट की मदद से मलिक सहित 10 लोगों के खिलाफ रुबिया अपहरण मामले में आरोप तय किए थे. रुबिया अपहरण मामला कश्मीर घाटी के अस्थिर इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ.