गुवाहाटी : असम के वन विभाग ने केंद्र सरकार से सूचना का अधिकार (RTI) के तहत जानकारी मांगने वाले एक कार्यकर्ता के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया है. वन विभाग के मुताबिक, इस कार्यकर्ता ने 'काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान' (केएनपी) में गैंडों की संख्या बढ़ा-चढ़ाकर बताने का 'झूठा' आरोप लगाकर उद्यान की बदनामी करने की कोशिश की है. पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को लिखे एक पत्र के जवाब में, असम के प्रधान वन संरक्षक और वन बल के प्रमुख एम के यादव ने दावा किया कि आरटीआई कार्यकर्ता रोहित चौधरी ने गैंडों की जनगणना में मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का "गलत तरीके से अध्ययन" किया.
आरटीआई कार्यकर्ता ने बुधवार को मंत्रालय को पत्र लिखकर बताया था कि असम वन विभाग ने पिछले साल की अपनी जनगणना में केएनपी में गैंडों की आबादी 2,634 बताई है जबकि यह 2042 होनी चाहिए. उन्होंने इसे "अजीब प्रक्रियात्मक विचलन" करार देते हुए आरोप लगाया कि कुछ अहम आंकड़ों को हटा दिया गया है. इसके बाद, मंत्रालय ने विभाग से स्पष्टीकरण मांगा. यादव ने अपने जवाब में कहा, उन्होंने (चौधरी) ने अनुमानित आंकलन प्रक्रिया और पद्धति को समझे बिना झूठा प्रचार करके उद्यान को बदनाम किया है. काजीरंगा में गैंडों की आबादी के 2022 के अनुमानित आंकड़ों को एक 'अजीब प्रक्रियात्मक विचलन' कहते हुए चौधरी ने उद्यान के प्रति अपना दुर्भावनापूर्ण इरादा जाहिर किया. उनकी टिप्पणी बेहद खेदजनक और निंदनीय है."