मुंगेरः देश समेत पूरे बिहार में कोरोनाके मामले लगातार बढ़ रहे हैं. ऐसे में सबसे ज्यादा जोर कोरोना की टेस्टिंग को लेकर दिया जा रहा है, क्योंकि कोरोना से बचने और इसके इलाज का पहला कदम टेस्टिंग से शुरू होता है, लेकिन महामारी के बीच में भी सिस्टम की उदासीनता और लापरवाही बरकरार है. यह भी एक कारण है कि कोरोना संक्रमण को अपना प्रसार करने में और ज्यादा रफ्तार मिल रही है.
ऐसा ही एक लापरवाही का मामला बिहार के मुंगेर आर्ट सेंटर से सामने आया है. यहां कोरोना जांच का हाल भी सिस्टम की लापरवाही के कारण दम तोड़ चुका है. दरअसल, इस कठिन समय में भी स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता के कारण पिछले नौ महीने से जिले को आरटी-पीसीआर मशीन का लाभ नहीं मिल रहा है. आरटी-पीसीआर मशीन केवल शोभा की वस्तु बनकर मुंगेर के एआरटी सेंटर में पड़ी हुई है.
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महीनों से धूल फांक रहा आरटी-पीसीआर मशीन
जिले में पिछले साल संक्रमण के भयावह मामले सामने आने के बाद यहां सितंबर 2020 में ही आरटी-पीसीआर मशीन मंगवाई गई थी, लेकिन बीते नौ महीने से जिले में आरटी-पीसीआर मशीन धूल फांक रही है, जिसके कारण अभी भी कोरोना संदिग्ध मरीजों के सैंपल को आरटी-पीसीआर जांच के लिए पटना भेजना पड़ता है.
ऐसे में लोगों को अपनी आरटी-पीसीआर जांचकी रिपोर्ट के लिए 10 से 12 दिनों तक का इंतजार करना पड़ता है. बता दें कि अप्रैल से मई माह के बीच 36,700 नमुनों को आरटी-पीसीआर जांच के लिए पटना भेजा जा चुका है. ऐसे में न सिर्फ समय की बर्बादी हो रही है, बल्कि जांच रिपोर्ट देरी से आने के कारण कोरोना संक्रमण के तेजी से फैलने का खतरा भी बढ़ रहा है.