जयपुर.देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून (population control law) की मांग तेज होने लगी है. संघ के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार ने कहा कि भारत में डबल स्टैंडर्ड (Indresh Kumar on double standard) नहीं चलेगा. जनसंख्या नियंत्रण जरूरी है और इसके लिए कानून का बनना जरूरी है. विश्व और देश में जनसंख्या बढ़ने से असंतुलन बढ़ा. जल, जमीन और संसाधन कम होने लग गए हैं. भारत की जनसंख्या 80-90 करोड़ होनी चाहिए, लेकिन वर्तमान में जनसंख्या 135 करोड़ हो गई है. वोट का भारत पर कब्जा करने का माध्यम मान कर जनसंख्या बढ़ाई गई.
इंद्रेश कुमार ने कहा कि हमें बेरोजगारी, दंगों और हिंसा वाला भारत नहीं चाहिए. विश्व में जनसंख्या नियंत्रण के लिए आंदोलन चलाए जा रहे हैं. भारत में भी जनसंख्या नियंत्रण के लिए आंदोलन शुरू किया गया है. देश में जनसंख्या बढ़ोतरी एक विकराल समस्या है. दरअसल, जनसंख्या समाधान फाउंडेशन की ओर से राजधानी जयपुर में हिंदू हुंकार सभा आयोजित की गई. फाउंडेशन की ओर से प्रदेश में तीन महीनों तक 200 विधानसभा क्षेत्रों में भारत माता यात्रा निकाली गई. इसमें 400 जनसभाओं के माध्यम से जनसंख्या नियंत्रण कानून के लिए जनजागरण किया गया. भारत माता यात्रा के समापन पर शनिवार को जयपुर के सूरज मैदान में हिंदू हुंकार सभा (Indresh Kumar in Jaipur) आयोजित की गई.
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सभा को संबोधित करते हुए आरएसएस के प्रचारक इंद्रेश कुमार ने कहा कि आज जनसंख्या नियंत्रण कानून (population control law) बनाना भारत की 135 करोड़ जनता के हित में है. इस कानून के बनने से दंगों, गरीबी और बेरोजगारी से मुक्ति मिलेगी और देश में जनसंख्या असंतुलन खत्म होगा. इंद्रेश कुमार ने ओवैसी के सिराजुद्दौला को लेकर दिए बयान पर कहा कि ऐसे लोग जो देश के लोगों को बांटकर लड़वाने और भड़काने का काम करते हैं, जिन लोगों के दिल, दिमाग और जुबान में भेद है, उन्हें बदलना चाहिए. इंद्रेश कुमार ने कहा कि विदेश आंक्रांताओं ने देश पर अत्याचार किए हैं.
सरवर चिश्ती ने जहर उगला- इंद्रेश कुमार ने कहा कि अजमेर दरगाह शरीफ की खादिमों की संस्था अंजुमन के सचिव सैयद सरवर चिश्ती (Indresh Kumar on sarwar chishti statement) ने जो जहर उगला, उसका खामियाजा अब अजमेर शरीफ भुगत रहा है. हिंदुस्तान सभी धर्मों का है. पहले हिंदुस्तानी है और बाकी पहचान बाद में. ऐसे बांटकर लड़वाने का काम नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि विश्व और देश में जनसंख्या बढ़ने से असंतुलन बढ़ा है. जल, जमीन और संसाधन कम होने लग गए हैं.